बुधवार, 28 सितंबर 2016
भारत ने 10 मिनट में पाकिस्तान को धोया
सामने आया कैराना का सच
रविवार, 25 सितंबर 2016
राजनीति में संस्कृति के दूत थे दीनदयाल उपाध्याय
मंगलवार, 20 सितंबर 2016
शहीदों के परिजनों की सुनो सरकार
सोमवार, 19 सितंबर 2016
प्रहार हो
शनिवार, 17 सितंबर 2016
राष्ट्रवादी विचार से भयभीत कम्युनिस्ट पार्टी
मंगलवार, 13 सितंबर 2016
सोमनाथ मंदिर को सोने से सजाकर अपनी चमक बढ़ा रहे हैं नरेन्द्र मोदी
सोमवार, 12 सितंबर 2016
अब सुशासन बाबू नहीं रहे नीतीश कुमार
शुक्रवार, 9 सितंबर 2016
खाट बिछेगी तो नहीं, खड़ी ही होगी
बुधवार, 7 सितंबर 2016
आजम खान ने किया बाबा साहेब का अपमान
मंगलवार, 6 सितंबर 2016
अलगाववादियों से बात क्यों?
सोमवार, 5 सितंबर 2016
डिजिटल इंडिया : जीवन होगा सुगम
यह आलेख मीडिया विमर्श के सितंबर-2016 के अंक में प्रकाशित हुआ है। |
नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना है, डिजिटल इंडिया। इस परियोजना का मूल उद्देश्य है 'भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में परिवर्तित करना।' डिजिटल इंडिया के जरिए सरकार पारदर्शी व्यवस्था कायम करना चाहती है। यानी सुशासन। सरकार के लिए यह सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि लोगों के जीवन को सुगम बनाने का दृढ़ संकल्प है। यह इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि सरकार ने इस लोक कल्याणकारी उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक चरणबद्ध योजना भी तैयार की है। 21 अगस्त, 2014 से प्रारंभ हुए इस कार्यक्रम को केंद्र सरकार ने अगले पाँच वर्ष में पूरा करने की योजना बनाई है। यह उम्मीद की जा रही है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम 2019 तक गाँवों समेत देशभर में पूरी तरह से लागू हो जाएगा। सरकार इस दिशा में प्रभावी ढंग से कदम बढ़ा रही है। अनेक मोर्चों पर सरकार सफल भी हुई है। फिर भी कहना होगा कि मंजिल अभी दूर है। दरअसल, गाँव में बसने वाले भारत के प्रत्येक क्षेत्र में अभी इंटरनेट ही नहीं पहुँचा है। जहाँ पहुँचा भी है, वहाँ इंटरनेट की गति (डाउनलोड-अपलोड स्पीड) ही इतनी धीमी है कि उपयोगकर्ता उदासीन हो जाता है।