कन्वर्जन के नेटवर्क का एक छोटा-सा प्यादा है जमालुद्दीन उर्फ छांगुर
भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाने और ‘लव जिहाद’ की साजिशें केवल गल्प नहीं है, बल्कि हिन्दू धर्म और भारत के लिए इन्हें बड़े खतरे के तौर पर देखा जाना चाहिए। ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘लव जिहाद’ की अवधारणाओं को नकारना एक प्रकार से सच्चाई से मुंह मोड़ना है। यह आत्मघाती प्रवृत्ति है। सच को स्वीकार करके उसका समाधान निकालने का प्रयत्न करना ही एक जागृत समाज की पहचान है। भारत में प्रतिदिन ही इस प्रकार के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे यह स्थापित होता है कि लव जिहाद और गजवा-ए-हिंद के पीछे बड़े कट्टरपंथी गिरोह शामिल हैं। उत्तरप्रदेश में पकड़ा गया बहुस्तरीय कन्वर्जन का नेटवर्क चलानेवाला फेरीवाला जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, इस व्यापक नेटवर्क का एक प्यादा भर है। अभी हाल ही में हिन्दू लड़कियों से लव जिहाद के लिए मुस्लिम लड़कों की फंडिंग करने के आरोप कांग्रेस के मुस्लिम नेता एवं पार्षद अनवर कादरी पर लगे हैं। जरा सोचकर देखिए कि भारत में हिन्दुओं को कर्न्वट करने का धंधा कितने बड़े पैमाने पर चल रहा है।
हिन्दुओं को कन्वर्ट करने के इस खेल में केवल इस्लामिक संस्थाएं ही नहीं है अपितु चर्च भी शामिल है। पूर्वोत्तर के राज्यों में चर्च ने अपने पैर किस तरह फैलाए हैं, यह किसी से छिपी हुई बात नहीं है। जनजातीय क्षेत्रों में चर्च व्यापक स्तर पर कन्वर्जन का धंधा चला रहा है। चर्च ने पंजाब को अपना हॉट स्पॉट बना रखा है। पंजाब के कितने ही गाँव ईसाई बन गए हैं। इसकी अनेक कहानियां बिखरी पड़ी हैं। हिन्दुओं को कन्वर्ट करने के लिए इस्लामिक संस्थाओं और मिशनरीज को बड़े पैमाने पर विदेशों से फंडिंग होती है। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद हो रहे खुलासों में यह सब सामने आ रहा है। केवल 5-6 साल में ही कन्वर्जन का धंधा फैलाकर साइकिल पर सामान बेचनेवाला फेरीवाला जमालुद्दीन ने छांगुर बाबा बनकर आलीशान कोठी, लग्जरी गाड़ियों और कई फर्जी संस्थाओं का मालिक बन गया है। जांच एजेंसियों के अनुसार, जमालुद्दीन खुद को हाजी पीर जलालुद्दीन बताता था। लड़कियों को बहला-फुसलाकर जबरन उनका धर्मांतरण करवाता।
छांगुर पीर के निशाने पर हिन्दू लड़कियां होती थीं। जातियों के अनुसार लड़कियों की कीमत तय थी। किस जाति की लड़की को फंसाकर मुसलमान बनाने पर कितना पैसा मिलेगा, इसका विवरण जाँच एजेंसियों को मिला है। ऐसा नहीं है कि समाज में यह बातें पहले सामने नहीं आई हैं, लेकिन उस समय इन बातों को सांप्रदायिक बताकर खारिज कर दिया जाता था। कन्वर्जन और लव जिहाद के घिनौने अपराध पर पर्दा डालने वाले तथाकथित सेकुलर बौद्धिक जमात छांगुर पीर के कारनामों पर भी चुप्पी साधकर बैठी हुई है। सेकुलर जमात की यह चुप्पी हिन्दू समाज को ध्यान से सुननी चाहिए।
हिन्दू नाम रखकर पहले हिन्दू लड़कियों को प्रेम के नाम पर फंसाना और फिर उन्हें छांगुर के पास लाकर दबाव डालकर एवं धमकाकर मुसलमान बनाने के इस धंधे को क्या कहेंगे? हम माने या न माने, उनके लिए यह सब सवाब का काम है, भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाना है। हिन्दू लड़कियों को धोखे से प्रेम में फंसाना और उन्हें मुसलमान बनाना, उनके लिए जिहाद का काम है। हिन्दू समाज पर हो रहे इस हमले को रोकने के लिए उसे स्वयं भी जागृत होना होगा और इस संबंध में गंभीरता से चिंतन करना होगा। इसके साथ ही सरकारों को भी इस मामले में गंभीरता से ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह सब देश की एकता-अंखडता के लिए भी संभावित खतरा है।
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