शनिवार, 24 अप्रैल 2021

संघ फिर मैदान में

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान लोगों को संकट से उबारने एवं उन्हें सहायता देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता एक बार फिर मैदान में नजर आ रहे हैं। पिछले वर्ष जब पहली बार देश कोरोना संक्रमण की चपेट में आया था और लोगों का जीवन बचाने के लिए सरकार ने कठोर निर्णय लेते हुए लॉकडाउन लगाया था, तब संघ के स्वयंसेवकों ने बड़े स्तर पर सेवा एवं राहत कार्यों का संचालन किया था। देश में जब भी आपदा की स्थिति होती है, संघ के स्वयंसेवक सबसे आगे खड़े नजर आते हैं। यह भावना देश और समाज के प्रति उनके समर्पण को बताती है। एक बार फिर जब देश में संक्रमण फैल रहा है, तब घर से लेकर अस्पताल तक संघ के स्वयंसेवक संक्रमितों एवं उनके परिजनों के लिए देवदूत बनकर कार्य कर रहे हैं। मरीजों को दवा, भोजन और अस्पताल तक पहुँचाने के काम में स्वयंसेवक लगे हुए हैं। 

अकसर यह मन में प्रश्न आता है कि बिना किसी विशेष प्रशिक्षण के संघ के स्वयंसेवक यह सब कैसे कर लेते हैं? पिछले वर्ष सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने उद्बोधन में इस बात की स्पष्टता सबको दी थी। दरअसल, संघ के लिए सेवाकार्य, किसी पर उपकार नहीं है। उसके लिए सेवाकार्य करणीय कार्य है। शाखा स्थान पर स्वयंसेवकों का मानस ही इस प्रकार तैयार हो जाता है कि यह समाज हमारा अपना है, प्रत्येक परिस्थिति में इसकी चिंता हमें ही करनी है। इसलिए अपने जीवन को भी दांव पर लगाकर वह कठिनतम परिस्थितियों में भी अग्रिम पंक्ति में खड़ा होता है।

           वर्तमान समय में संघ ने समूचे देश में, विशेषकर जहाँ कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, वहाँ कोरोना सहायता केंद्र बनाए हैं। मध्यप्रदेश की ही बात करें तो यहाँ संघ ने प्रांतश: कोरोना हेल्प डेस्क बनाई हैं, जो लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही हैं। इसके साथ ही संघ की प्रेरणा से संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, सेवा भारती, विद्या भारती ने अपने संस्थान क्वारन्टाइन सेंटर बनाने के लिए प्रशासन को सौंप दिए हैं। अनेक स्थान पर संघ के स्वयंसेवक स्वयं ही क्वारन्टाइन एवं आइसोलेशन सेंटर चला रहे हैं।

संघ से संबंधित संस्थाओं के अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्र भी कोरोना मरीजों की सेवा में समर्पित हो गए हैं। संघ ने विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से बात करके उनकी धर्मशालाओं, भोजनशालाओं एवं अस्पतालों को भी कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में उपलब्ध करवाया है। कोरोना के विरुद्ध युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे संघ के स्वयंसेवक सबको साथ लेकर चल रहे हैं। संघ के इन प्रयासों को साधुवाद। अन्य सामाजिक संगठन भी संघ से प्रेरणा लेकर अपने दायित्व निर्वहन के लिए आगे आएं।

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गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

कोरोना से बचने स्वास्थ्य-आग्रह

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण अनियंत्रित होता जा रहा है। मध्यप्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल हो गया है, जहाँ कोरोना महामारी की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। कोरोना संक्रमितों के मामले में मध्यप्रदेश देश में सातवें स्थान पर पहुंच गया है। विगत सात दिन में इंदौर का औसत पॉजिटिविटी रेट 15 जबकि भोपाल का 19 पर पहुँच गया है। यह स्थिति चिंताजनक है। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उस भूमिका में सक्रिय हो गए हैं, जिसकी अपेक्षा किसी भी जनप्रतिनिधि से होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रतिनिधि बाजारों में निकल कर लोगों को कोरोना संक्रमण के खतरे के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस संदर्भ में मंगलवार को उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने से ‘स्वास्थ्य-आग्रह’ की शुरुआत की। कोरोना महामारी के प्रति आम नागरिकों को जागरूक करने के लिए समाज के प्रमुख लोगों से आग्रह करने का यह अभिनव प्रयोग है। 

पिछले कुछ समय से कोरोना संक्रमण को लेकर सामान्य नागरिकों में जिस प्रकार की उदासीनता एवं लापरवाही बढ़ती गई है, ऐसी स्थिति में उन्हें फिर से सावधान करने के लिए समाज के ही प्रभावशाली लोगों का सहयोग आवश्यक है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक एवं पत्रकारों-साहित्यकारों से भी बातचीत कर उनसे कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में सहयोग की माँग की है। नि:संदेह यदि सब मिलकर अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करेंगे, तब कोरोना को हराना आसान होगा। जिस तरह प्रतिदिन मुख्यमंत्री श्री चौहान आम लोगों से मिल कर मास्क लगाने, शारीरिक दूरी रखने एवं स्वच्छता का आग्रह कर रहे हैं, वैसे प्रयास सभी क्षेत्रों के नेतृत्वकारी लोगों को करना चाहिए। कोरोना संक्रमण समूची मानवता के लिए खतरा बन गया है। दूसरी लहर में जिस प्रकार यह अधिक घातक हो गया, वैसे में अपने समाज को बचाना हम सबकी जवाबदेही है। शासन के साथ हर स्तर पर सहयोग करना ही इस समय हमारा धर्म होना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने अपने घर पर अपनी सहधर्मिणी एवं पुत्र को मास्क पहनाकर प्रतीकात्मक ढंग से संदेश दिया है कि कोरोना के विरुद्ध जन-जागरूकता की लड़ाई हमें अपने घर से ही शुरू करनी होगी। मुख्यमंत्री बार-बार चेता रहे हैं कि लॉकडाउन जैसी स्थितियां बनने से रोकना होगा, अन्यथा सरकार को अपने नागरिकों का जीवन बचाने के लिए कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। एक बात स्पष्ट है कि आज की स्थिति में हम सब लॉकडाउन लगाने की स्थिति में नहीं है, अब लॉकडाउन लगा तो वह हम पर बहुत भारी पड़ेगा। इसलिए आवश्यक है कि हम सब अपने जवाबदेही को पहचाने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ‘स्वास्थ्य-आग्रह’ के आह्वान को समझें। हमें अपनों के साथ ही समाज के प्रत्येक बंधु-भगिनी के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए उनसे आग्रह करना होगा कि मास्क पहनें, स्वच्छ रहें और शारीरिक दूरी का पालन करें। साथ ही अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।