बातचीत : माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह राजपूत ने साहित्य लेखन से जुड़े कई अनुभव साझा किए
नईदुनिया (नवदुनिया, भोपाल) के 'शब्द संसार' कॉलम में लेखक लोकेन्द्र सिंह की साहित्यिक यात्रा पर विशेष बातचीत 28 दिसंबर, 2023 को प्रकाशित हुई |
"मुझे स्कूल के दिनों से ही समाचारपत्रों में प्रकाशित कहानियां, बोधकथा, व्यंग्य, यात्रा वृत्तांत के साथ-साथ साहित्यिक पुस्तकें आकर्षित करती रहीं। गर्मी की छुट्टियों में समाचारपत्रों के रविवारीय एवं बुधवारीय परिशिष्ट निकालकर पढ़ने से अध्ययन की शुरुआत हुई। ऐसे ही एक दिन समाचारपत्र पलटते हुए उन्हें अपनी मौसी सरला यादव की लिखी कहानी दिखी, तब उनके भीतर के साहित्यकार ने उमंग ली। मन बनाया कि मैं भी लिखूंगा। उसके बाद अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से आयोजित होनेवाले साहित्यक गोष्ठियों में साहित्यकारों की संगत मिली तो दिशा और स्पष्ट होती गई"। यह कहना है लोकेन्द्र सिंह राजपूत का। उन्होंने साहित्यिक यात्रा का अनुभव नवदुनिया/नईदुनिया से साझा किया।