मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

बेटी के लिए कविता-10


हम और तुम

दिल खोल कर करेंगे बातें हम-तुम।

चलो, अच्छे गहरे दोस्त बनते हैं हम-तुम।।


तुम्हें समझ रहा हूँ मैं, मुझे समझना तुम।

चलो, साथ बैठ मन की कह लेते हैं हम-तुम।।


एक-दूसरे की फिक्र करेंगे हरदम।

चलो, एक यह वादा कर लेते हैं हम-तुम।।


मैं कुछ कहूँ, कहो कुछ तुम, उससे पहले।

चलो, अंतर्मन पढ़ने का हुनर सीखते हैं हम-तुम।।


जीवन में रचनात्मक होने जरूरी है प्रेरणा।

चलो, एक-दूसरे के हीरो बन जाते हैं हम-तुम।।

रविवार, 4 दिसंबर 2022

जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं के नरसंहार को नकारनेवालों की मानसिकता है ‘वल्गर’

गोवा में आयोजित भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव (आईएफएफआई) के समापन समारोह में इजराइल मूल के फिल्म निर्माता नदव लैपिड ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी करके इस्लामिक आतंकवाद की क्रूरता का शिकार हुए हिन्दुओं के घावों पर नमक छिड़कने का काम किया। लैपिड इस आयोजन के निर्णायक मंडल के अध्यक्ष थे। फिल्म को लेकर की गई टिप्पणी में शब्दावली का चयन बता रहा है कि वह किसी खास विचार से प्रेरित हैं और ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर जानबूझकर टिप्पणी की है। अपनी टिप्पणी में उन्होंने कहा कि फिल्म उत्सव में इस फिल्म की स्क्रीनिंग को देखकर वे परेशान हुए और उन्हें झटका लगा। यह फिल्म वल्गर और प्रोपेगंडा है। यकीनन फिल्म देखकर लैपिड को झटका लगा होगा, वह क्रूरता के दृश्य देखकर परेशान भी हो गए होंगे, क्योंकि दृश्य परेशान करनेवाले और दिल-दिमाग को हिला देनेवाले ही हैं। भारत में पहली बार किसी फिल्म निर्माता ने साहस दिखाकर जम्मू-कश्मीर में हुए हिन्दुओं के नरसंहार को सामने लाने का काम किया है।