- लोकेन्द्र सिंह
झारखंड के खूंटी जिले में पाँच महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं से सामूहिक बलात्कार और पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट एवं उन्हें पेशाब पिलाने का अत्यंत घृणित कृत्य सामने आया है। यह बहुत दु:खद और डरावनी घटना है। पीडि़त महिलाएं एवं पुरुष अनुसूचित जाति-जनजाति समाज से हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों के साथ होने वाली मारपीट की घटनाओं एवं उनके शोषण पर जिस प्रकार आवाजें बुलंद होती हैं, उनसे एक उम्मीद जागती है कि वर्षों से शोषित इस समाज हो ताकत देने के लिए देशभर में एक वातावरण बन रहा है। सभी वर्गों के लोग पीडि़तों के साथ खड़े हैं। ऐसी स्थिति में खूंटी गैंगरेप और शोषण के मामले पर पसरा सन्नाटा खतरनाक लगता है। यह डराता है। देश का तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग और टीआरपी के लिए भूखे बैठे समाचार चैनल्स भी एक अजब-सी चुप्पी साधे हुए हैं। मानो हमारी संवेदनाओं पर भी अब राजनीति हावी हो गई है। अपराधी का धर्म देखकर अब विरोध के सुर का स्तर तय होता है। चूँकि इसमें शोषणकर्ता/आरोपी के वस्त्रों का रंग गेरुआ नहीं है, इसलिए रंगकर्मी भी 'शर्मिंदगी का बोर्ड' थाम कर फोटोसेशन नहीं करा रहे हैं। जबकि पाँचों लड़कियां और उनके साथी लड़के उनके कर्मक्षेत्र से ही आते हैं। पीडि़त रंगकर्मी हैं और वनवासी समाज को जागरूक करने के लिए नुक्कड़ नाटक करते हैं। कथित प्रबुद्ध वर्ग की यह प्रवृत्ति सभ्य समाज के लिए दु:खद ही नहीं, अपितु खतरनाक ही है। चूँकि इस अपराध में प्रगतिशील बुद्धिजीवियों के प्रिय कम्युनिस्ट-नक्सली और चर्च शामिल है, इसलिए वह अपना मुंह नहीं खोल पा रहे हैं। त्रिशूल को कॉन्डम पहनाने जैसी सृजनशीलता भी नहीं दिखा पा रहे हैं। यह घटना खतरनाक इसलिए भी है, क्योंकि इसके पीछे जो विचार है, वह बहुत ही वहशी है। अपने विरोधी को डराने और उसे चुप कराने के लिए लोग मारपीट करते हैं, धमकाते हैं, अधिकतम उसकी हत्या कर देते हैं। किंतु, यहाँ अपने विरोधियों को डराने/चुप कराने के लिए उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। यानी लड़कियों के शरीर की नहीं, बल्कि उनकी आत्मा की हत्या करने का दुस्साहस किया गया है। विचार प्रक्रिया के सबसे निचले स्तर पर जाकर ही अपने विरोधी के प्रति ऐसा बर्ताब करने का ख्याल आता है। इस अपराध का मुख्य आरोपी उग्रवादी संगठन पीएलएफआई का नेता एवं पत्थलगड़ी का समर्थक जॉर्ज जोनास किडो है और मुख्य सहयोगी आरसी मिशन चर्च द्वारा कोचांग में संचालित स्टॉपमन मेमोरियल मिडिल स्कूल के प्रभारी सह सचिव फादर अल्फोंस आइंद को बताया जा रहा है। पीडि़तों की शिकायत पर इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।