प्र त्येक पत्रकार की इच्छा होती है कि वह राजनीतिक या फिर अपराध
पत्रकारिता में सबसे चर्चित नाम बन जाए। मीडिया जगत में उसकी धमक हो। बड़े से बड़ा
राजनेता या फिर अंडरवर्ल्ड के कुख्यात गुण्डे सबसे पहले उससे बात करें। लेकिन,
इस
मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़ी मेहनत तो लगती ही है, यहां कदम जमाए
रखना भी रोज कुंआ खोदकर पानी पीने जैसा है। दीपक शर्मा एक ऐसा ही नाम है, जो
देश के सबसे बड़े और उलझे सूबे उत्तरप्रदेश की राजनीति की डोर को सुलझाकर हमारे
सामने रखते हैं। केन्द्र सरकार की भी छोटी-बड़ी सब खबरों पर उनकी पैनी नजर रहती
है। बात अगर इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिज्म की हो तो दीपक शर्मा हिन्दी के बहुमुखी खोजी
पत्रकारों में से एक हैं। उनके तेजतर्रार जोश को देखकर लगता नहीं, सबसे
तेज होने का दावा करने वाले न्यूज चैनल आजतक की रफ्तार कभी धीमी होगी।
मिलनसार, सहज
और सरल स्वभाव के दीपक शर्मा ने वर्ष 2002 में विशेष संवाददाता के रूप में आजतक
ज्वाइन किया। अभी वे एडीटर के रूप में आजतक में ही विशेष खोजी टीम का नेतृत्व करते
हैं। इससे पहले वे दैनिक जागरण, पायोनियर और इंडिया टुडे में भी काम कर
चुके हैं। भारत में आतंकी नेटवर्क और माफिया गिरोहों के विषय में वो गहरी
अंतर्दृष्टि रखते हैं। चाहे तालिबान, मिलिशिया के साथ सीधी बातचीत करना हो
या फिर कराची स्थित अंडरवल्र्ड सरगना दाऊद के गुर्गों के साथ बातचीत, दीपक
शर्मा ने हमेशा अपने चैनल को आगे रखा है।
अमूमन बड़ी खबरों को
सबसे पहले ब्रेक करने वाले दीपक शर्मा अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए हाल ही काफी
चर्चित भी हुए हैं। उनकी एक रिपोर्ट ने यूपीए सरकार में मंत्री रहे सलमान खुर्शीद
को सिर के बल खड़ा कर दिया तो मुजफ्फरनगर के दंगों का सच दिखाने पर, उन्हें
हिन्दुवादी पत्रकार होने का आरोप झेलना पड़ा। साहसिक पत्रकारिता के लिए जीने वाले
श्री शर्मा तमाम तोहमत और जोखिम के बाद भी सच दिखाने से कभी पीछे नहीं रहे। सच के
लिए लडऩे-भिडऩे का जुनून उनके भीतर उबाल मारता रहता है।
देश के लिए ओलंपिक में
पदक जीतने वाले पद्मश्री जमनालाल शर्मा के सपूत दीपक शर्मा जितने अच्छे पत्रकार
हैं उतने ही उम्दा स्पोर्ट्स मैन भी हैं। वे राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी रहे
हैं। खबरों से खेलने के बीच में जब भी खाली वक्त मिलता है, वे गोल्फ खेलना
पसंद करते हैं। इन सबके अलावा सोशल मीडिया पर सक्रियता, फेसबुक पर
अलग-अलग विषय पर शॉर्टनोट लिखना, बड़े ही सहज अंदाज में आम आदमी से बात
करना, लोगों से सीधे कनेक्ट रहना भी उनकी दिनचर्या में शुमार है।
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"दीपक शर्मा जुनूनी पत्रकार हैंl कब्र खोदकर खबर लाने की अद्भुत क्षमता वाले दीपक भ्रष्ट नेताओं और अफसरों के खतरनाक दुश्मन हैंl वे बहुत प्यारे दोस्त हैंl"- जनसंचार के सरोकारों पर केन्द्रित त्रैमासिक पत्रिका "मीडिया विमर्श" में प्रकाशित आलेख।
-सईद अंसारी, सीनियर एंकर, आजतक
nice post ,
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