शनिवार, 17 जुलाई 2021

बेहतर जीवन के लिए आवश्यक है जनसंख्या नियंत्रण

उत्तरप्रदेश की योगी सरकार देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने जा रही है। 11 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश जनसंख्या विधेयक-2021 के मसौदे के बारे में स्वयं लोगों को जानकारी दी। दरअसल, विपक्षी राजनीतिक एवं उनके सहयोगी बुद्धिजीवी अत्यंत आवश्यक कानून को भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करने लगे थे। तथाकथित प्रगतिशील बुद्धिजीवी वर्ग का दोगलापन एवं पाखंड अब खुलकर सामने आ गया है। उत्तरप्रदेश जनसंख्या विधेयक किसी एक संप्रदाय की जनसंख्या को रोकने का एजेंडा नहीं है। यह कानून सब पर एक समान रूप से लागू होगा। यह कानून किसी विशेष संप्रदाय को लक्षित करके तैयार नहीं किया गया है। इसके बावजूद विपक्षी नेता एवं अन्य लोग जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास को मुुस्लिम विरोधी बता रहे हैं। जबकि यही लोग यह दावा भी करते हैं कि मुस्लिमों की जनसंख्या दर में हिन्दुओं की अपेक्षा कमी आई है। यानी अब मुस्लिम भी सात-आठ बच्चे पैदा नहीं कर रहे बल्कि वे भी हम दो-हमारे दो की अवधारणा पर चल रहे हैं। जब यह सच है कि मुसलमानों ने आधुनिक सोच के साथ कदमताल करना शुरू कर दिया है, तब यह कानून उनके विरुद्ध कैसे हो सकता है?

कानून में दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों के लिए किसी प्रकार के दण्ड का प्रावधान भी नहीं है। फिर क्यों इस कानून पर कुछ लोग वितंडावाद खड़ा कर रहे हैं? दरअसल, वोट बैंक के चश्मे से मुसलमानों को देखने वाले राजनीतिक दल कभी नहीं चाहते कि मुस्लिम समुदाय का विकास हो, उनका जीवनस्तर बेहतर हो। यह लोग चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय पीछे ही रहे ताकि उनकी स्थिति का लाभ ये लोग अपने राजनीतिक एवं वैचारिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए करते रहें। 

जनसंख्या नियंत्रण कानून सिर्फ उत्तरप्रदेश के लिए नहीं, अपितु पूरे देश के लिए आवश्यक है। जिस गति से देश में जनसंख्या वृद्धि हो रही है, उसके कारण अनेक प्रकार की चुनौतियां उत्पन्न होने लगी हैं। बढ़ती जनसंख्या के कारण संसाधनों की कमी, रोजगार का संकट, स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौती, प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ता दबाव जैसे अनेक संकट खड़े हो रहे हैं। खेती की जमीन कम होती जा रही है। जनसंख्या घनत्व के कारण कम स्थान में अधिक संख्या में बेढंग से रहने के लिए लोग अभिशप्त होते जा रहे हैं। पूरी दुनिया की जनसंख्या इस समय लगभग 7.6 अरब है, जिसमें सबसे ज्यादा चीन की आबादी 1.43 अरब है जबकि भारत 1.35 अरब जनसंख्या के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर है। अर्थात् विश्व की कुल जनसंख्या में से 17.85 प्रतिशत लोग भारत में रहते हैं और दुनिया के हर 6 नागरिकों में से एक भारतीय है। अगर भारत में जनसंख्या की सघनता का स्वरूप देखें तो जहां 1991 में देश में जनसंख्या की सघनता 77 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर थी, 1991 में बढ़कर वह 267 और 2011 में 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो गई। 

बहरहाल, गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। दुनिया के अनेक विकसित देश हमारे सामने उदाहरण हैं। उत्तरप्रदेश के कदम को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। 

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