देखें वीडियो : सबर कर | ये वक्त गुजर जायेगा | Ye Waqt Guzar Jayega
ये वक्त गुजर जाएगा तू जरा सबर कर
ये हकीकत है तू खुशी से बसर कर।
कलयुग है भाई बहुत काजल है फैला
दाग न लगे दामन पर, तू फिकर कर।
चरैवेति में असली मजा है ठहराव तो सजा है
मंजिल है दूर, हौसला रख, तू सफर कर।
बहुत मौका परस्त है ये जमाना लोकेन्द्र
कौन दोस्त-दुश्मन, तू जरा ये खबर कर।
दरियादिली से दुश्मन की हिमाकत बढ़ रही है
अदब से रहेगा वो, तू जरा तिरछी नजर कर।
- लोकेन्द्र सिंह -
(काव्य संग्रह "मैं भारत हूँ" से)
वाह, बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद शिवम जी
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