पुलवामा हमले पर बार-बार झूठ बोलने वाले पाकिस्तान की कलई खुल गई है। पाकिस्तान की संसद में इमरान खान सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने आत्मविश्वास के साथ पुलवामा हमले को पाकिस्तार सरकारी की कामयाबी के तौर पर प्रस्तुत किया है। मंत्री चौधरी ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत को घुसकर मारा है। पुलवामा में जो हमारी कामयाबी है, वह प्रधानमंत्री इमरान खाने के नेतृत्व में पूरे देश की कामयाबी है। उसके हिस्सेदार आप (विपक्ष) भी हैं। दरअसल, विपक्ष ने इमरान सरकार की कमजोरी पर प्रश्न उठाए थे। विपक्ष के सांसद अयाज सादिक ने संसद में कहा था कि जब बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की कैद में थे, तब पाकिस्तान सरकार को डर सता रहा था कि भारत हमले की तैयारी कर रहा है। उन्होंने दावा किया था कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विपक्षी दलों से कहा था कि अभिनंदन को जाने दें, वरना भारत रात 9 बजे हमला कर देगा। विपक्ष के इस दावे के बाद अपनी सरकार की छवि को बचाने के लिए इमरान खान के मंत्री फवाद चौधरी ने वह सच बोल दिया, जिस पर पाकिस्तान अब तक झूठ बोल रहा था। भारत की ओर से प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद भी पाकिस्तान बेशर्मी से इस बात से इनकार करता था कि पुलवामा आतंकी हमले में उसकी कोई मिलीभगत रही। लेकिन, अब तो पाकिस्तान की संसद में स्वयं सरकार ने ही स्वीकार कर लिया है कि पुलवामा हमला उसकी ‘कामयाबी’ है।
आतंकियों और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घिर चुके पाकिस्तान की मुसीबत अब और बढ़ सकती है। पाकिस्तान सरकार की इस स्वीकारोक्ति को भारत को दमदारी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना चाहिए। इमरान सरकार की यह स्वीकारोक्ति इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान ने अपने चरित्र में कोई बदलाव नहीं किया है। भारत के साथ सीधे युद्ध से डरने वाला पाकिस्तान आतंकियों के सहयोग से भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध चला रहा है। पाकिस्तान की जमीन पर आतंकी संरक्षण पा रहे हैं, यह आतंकी दुनिया के लिए खतरा बन चुके हैं। इस स्वीकारोक्ति के बाद भारत को पाकिस्तान के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही के लिए प्रयास करने चाहिए। उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछले पाँच-छह वर्षों में पाकिस्तान को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है, जिसके कारण वह आर्थिक प्रतिबंध झेलने की स्थिति में पहुँच चुका है।
पाकिस्तान का यह सच भारत के उन तथाकथित बुद्धिजीवियों, पत्रकारों एवं नेताओं के मुंह पर भी करारा तमाचा है, जो पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ से इनकार करते रहे। pic.twitter.com/1bfJwRMLp7
— Lokendra Singh (@lokendra_777) October 31, 2020
पाकिस्तान का यह सच भारत के उन तथाकथित बुद्धिजीवियों, पत्रकारों एवं नेताओं के मुंह पर भी करारा तमाचा है, जो पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हमले के पीछे पाकिस्तान के हाथ से इनकार करते रहे। जवानों के बलिदान, उनके शौर्य, सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के सबूत माँगने वाली इस ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ को स्वयं पाकिस्तान की संसद ने सबूत दे दिया है। पाकिस्तान से अधिक बेशर्म तो हमारे यहाँ का यह वर्ग था, जो पुलवामा आतंकी हमले को भारत सरकार की ही साजिश बता रहा था। बहरहाल, पाकिस्तान की संसद में इस खुलासे के साथ एक और सच भी सामने आया कि जब पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को मार गिराते वक्त भारतीय वायुसेना के जाबांज कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में पहुँच गए और पाकिस्तान की पकड़ में आ गए तब भारत के नेतृत्व और सेना के शौर्य से भयभीत पाकिस्तान की सरकार एवं सेना के पाँव कांप रहे थे। नि:संदेह पिछले छह वर्षों में भारत की छवि एक सशक्त देश के रूप में बनी है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करता।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुलवामा हमले पर देश विरोधी बयानबाज़ी और देश विरोधी राजनीति करने वालों को आड़े हाथ लिया |
अरे इन तथाकथित सेक्युलर बुद्धिजीवियों ने मोदी विरोध में देश विरोधी गतिविधियों को उस वक्त बढ़ावा दिया। एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए गए। कांग्रेस के नेता बीके हरिप्रसाद ने पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए कहा था ,"पुलवामा हमले के बाद के घटनाक्रम पर यदि आप नजर डालेंगे तो पता चलता है कि यह पीएम मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मैच फिक्सिंग थी"
जवाब देंहटाएंदिग्विजय सिंह और कपिल सिब्बल को तो अपनी सरकार से ज्यादा विदेशी मीडिया पर भरोसा था। और बाजवा के गले लगने वाला सिद्धू तू बोला था कि "वहां आतंकियों को मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने।क्या मुट्ठी भर लोगों के लिए एक पूरे देश को या किसी एक व्यक्ति को दोषी ठहराया जा सकता है। आतंकवाद का कोई देश नहीं होता ना आतंकियों का मजहब"। वामपंथियों ने भी पूरा भसड मचाया हुआ था।
एक पूर्व फौजी का लड़का होने के नाते इन सबके बयानों को सुनने के बाद मेरा खून खौल था। सेना में एक गलती पर जान से हाथ धोना पड़ता है और ये गद्दारों वाली हरकत करके अभी तक बचे हुए है।
सही कहा आपने...
जवाब देंहटाएंBahut hi Sundar laga.. Thanks..
जवाब देंहटाएंदिवाली पर निबंध Diwali Essay in Hindi
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Great work
जवाब देंहटाएंBEST RAJASTHAN GK
bhut bdiya post likhi hai aapne Ankitbadigar ki traf se dhanyvaad
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