प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विजयादशमी के उत्सव को सामाजिक सरोकारों के साथ जोड़ते हुए देशवासियों को 10 संकल्प दिलाए हैं। इन संकल्पों के पालन में व्यक्तिगत लाभ भी हैं और राष्ट्र निर्माण में एक नागरिक के नाते योगदान भी है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम सब अपने जीवन में योग, खेल और स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियों को प्राथमिकता दें, मोटे अनाज को अपनाएं और अपने आसपास स्वच्छता को बढ़ावा दें। ये संकल्प ऐसे हैं, जिसके अनुपालन में नागरिकों को अतिरिक्त प्रयास नहीं करने हैं परंतु यदि इन संकल्पों को जीवन में उतार लिया जाए तो उसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगे। एक बात कहनी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति को सामाजिक सरोकारों की ओर मोड़ दिया है। शुद्ध राजनीतिक चर्चाओं से इतर वे अकसर पर्यावरण, गरीबी कल्याण, जल संरक्षण, भाषा संवर्धन, स्वदेशी, स्वरोजगार और नागरिक स्वास्थ्य जैसे शुद्ध सामाजिक विषयों पर प्रबोधन करते नजर आते हैं।
विजयादशमी के पावन पर्व पर उन्होंने श्रद्धावान हिन्दू समाज को संकल्प दिलाकर जल, जमीन, जंगल और जन की सुरक्षा से जोड़ दिया। धर्मभूमि पर खड़े होकर किए जानेवाले संकल्पों की हमारी एक समृद्ध परंपरा है। हमारा समाज संकल्प का महत्व भी जानता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जल संरक्षण का आह्वान भी किया और गरीबों के प्रति हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए, उसकी ओर भी ध्यान दिलाया। यह संकल्प कितना शुभ है कि हम एक गरीब परिवार के सदस्य बनकर उसका सामाजिक दायरा बढ़ाएं। यदि सही अर्थों में यह संकल्प सिद्ध हो गया और नागरिकों ने अपने इस संकल्प के अनुरूप आचरण प्रारंभ कर दिया तो गरीबी को बहुत हद तक हम परास्त कर देंगे। इस विजयादशमी की यह बड़ी जीत होगी।
देखें यह वीडियो : स्थानीय उत्पाद को दें प्राथमिकता | स्वदेशी खरीदें-देश को मजबूत करें | Now Time to Vocal for Local
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए संकल्प दिलाया कि हम ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से और अधिक लोगों को जोड़ें। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय स्तर पर उत्पादन करनेवालों से भी आग्रह किया कि वे गुणवत्तापूर्ण उत्पादन का संकल्प लें। आज सभी लोग गुणवत्ता को महत्व देते हैं। यदि हमारे उत्पाद गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे तो भारत में भी स्वीकार नहीं होंगे और उनका निर्यात भी नहीं हो सकेगा। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। हमारा उत्पादन ऐसा होना चाहिए कि दुनिया में उसकी माँग बढ़े। याद रखें कि एक समय में दुनियाभर से बड़े-बड़े व्यापारी जहाज लेकर भारत के उत्पाद खरीदने के लिए आते थे।
एक और संकल्प बहुत महत्व का है, जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि हम पहले अपना देश घूम लें, उसके बाद ही विदेश घूमने जाएं। भारत में अर्थव्यवस्था को गति देनेवाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र पर्यटन है। यह स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देता है। भारत भूमि की एक विशेषता है कि यहाँ सब प्रकार के मौसम, प्रकृति, स्थान और धरोहरें हैं। पर्यटकों के लिए जितनी विविधता भारत में है, वह अन्यत्र कहीं नहीं है। इसलिए विदेश में घूमने की अपेक्षा हम अपने ही देश को क्यों नहीं भली प्रकार से देख लेते। हाँ, जब हम अपने देश को देख लें, तब भले ही विदेश चले जाएं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने दस संकल्प दिलाने के साथ ही लोगों के साथ भारत की उपलब्धियों को भी साझा किया। कुलमिलाकर कहना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी की भाँति अन्य नेताओं को भी कभी-कभी राजनीति से इतर सामाजिक सरोकारों की बात करनी चाहिए और नागरिकों को उनके नागरिक कर्तव्यों के साथ जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।
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