मंगलवार, 13 मई 2025

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रश्न उठाने वालों को शंका की दृष्टि से देखिए

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी देती भारतीय सेना

भारतीय सेना ने एक बार फिर देश और दुनिया को बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमने आतंकवादियों और पाकिस्तान के साथ क्या किया है? इसके साथ ही सेना ने चेतावनी भी दी है कि यदि पाकिस्तान और आतंकियों ने फिर से कोई गलती की तो उसे इससे भी भारी अंजाम भुगतना होगा। भारतीय सेना की ओर से कहा गया है – “भय बिन होई न प्रीति। यानी बिना डर के प्रीत होना संभव नहीं है”। पाकिस्तान की फौज और आतंकवादियों में भारतीय सेना का भय होना चाहिए। सेना ने जिस तरह से पाकिस्तान के भीतर तक उसके मुख्य आतंकी एवं सैन्य ठिकाने तबाह किए हैं, उससे आतंकियों के भीतर खौप पैदा होना स्वाभाविक है। 

पाकिस्तान और पाकिस्तानपरस्त लोगों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों की हवा निकालते हुए सेना ने यह भी कहा कि भारत के सभी सैन्य ठिकाने एवं हथियार न केवल सुरक्षित हैं बल्कि हम अलगे हमले के लिए भी तैयार हैं। पाकिस्तान की अभी इतनी ताकत है ही नहीं कि वह हमारी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगा पाता। भारतीय सेना को सुनने के बाद किसी भी देशभक्त नागरिक के मन में कोई प्रश्न और शंका नहीं होनी चाहिए। अपने देश को मजबूत बनाने के लिए हमें एकजुट होकर अपनी सरकार और सेना के साथ खड़ा होना चाहिए।

एक ओर पाकिस्तान के नागरिक हैं जो अपनी पराजय को छिपाने के लिए झूठी जीत का जश्न मना रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर हमारे यहाँ कुछ नामुराद बुद्धिजीवियों और नेताओं की जमात है, जो भारत की शानदार जीत को भी झुठलाने के लिए तरह-तरह के फर्जी नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है। यह एक तरह से पाकिस्तान की भाषा-बोली है। भविष्य में पाकिस्तान इन्हीं लोगों की बयानों, सोशल मीडिया पोस्टों और न्यूज कतरनों को दिखाकर अपने दावों को सही साबित करने में करेगा। जैसा कि उसने अभी पहलगाम आतंकी हमले के मामले में की गई प्रतिकूल टिप्पणियों का उपयोग किया। कितने दु:ख की बात है कि यह देखने के बाद भी हमारे यहाँ की भारत विरोधी जमात को शर्म नहीं आई। वे फिर से भारत और भारतीय सेना को कमजोर दिखाने में लग गए हैं। 

देश की जनता द्वारा उन्हें बार-बार समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि किसी नेता और राजनीतिक दल के विरोध में इतना भी पागलपन नहीं होना चाहिए कि उनका विरोध देश के विरोध में बदल जाए। अभी जिस प्रकार की टिप्पणियां विपक्षी दल के नेताओं, उनके समर्थक बुद्धजीवियों एवं सोशल मीडिया एक्टिविस्टों द्वारा की जा रही हैं, वह अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक हैं। इनकी टिप्पणियां पढ़कर यही प्रतीत होता है कि मानो हमारे ही देश में कुछ लोग, दल, समूह और ताकतें भारत की हार चाहती थीं। इन लोगों को दो दिन में भारतीय सेना द्वारा की गई प्रेसवार्ताओं को ध्यान से सुनना चाहिए और अपने कृत्यों के बारे में विचार करना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं? 

भारतीय सेना ने प्रमाण के साथ ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की कहानी सुनायी है। इसके बाद भी ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रश्न उठाना, सीधे तौर पर सेना का अपमान है। सेना की दो प्रेसवार्ताओं के बाद भी कोई ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को प्रश्नांकित करता है, तो यही समझा जा सकता है कि उनके भीतर देशभक्ति में कमी है। वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान के हाथ की कठपुतली बन गए हैं।

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