भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंकियों और उसके संरक्षक पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश भेज दिया है। यह नया भारत है, जो हिसाब-किताब में पक्का है। यह नया भारत है, जो केवल निंदा प्रस्ताव पारित नहीं करता है अपितु शत्रु को भी यह अवसर देता है कि वह भी निंदा प्रस्ताव पारित करे। यह नया भारत है, जो अपराध की सजा अपराधी को अनिवार्य रूप से देता है। भारत अपने स्वाभिमान और प्रभुत्व की रक्षा के लिए यथासंभव कदम उठा सकता है, यह उसने बता दिया। किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह भारत के गिरेबां पर हाथ डाले। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहलगाम हमले का बदला तो है ही, यह भारत के स्वाभिमान की अभिव्यक्ति भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कहा है कि “ये नया भारत है। पूरा देश हमारी ओर देख रहा था। यह तो होना ही था”।
भारतीय सेना ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात 1:05 बजे पाकिस्तान और पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर के भीतर एयर स्ट्राइक करके 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। अपनी इस कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के 7 शहरों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैस-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 ठिकानों को ध्वस्त करके पहलगाम में 26 भारतीय नागरिकों की हत्या का बदला ले लिया है। दूसरों के परिवार उजाड़ने वाले आतंकियों के आका कुख्यात आतंकी हाफिज सईद का खानदान भी इस हमले में जहन्नुम पहुँच गया।
याद हो कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में धर्म पूछकर, कलमा पढ़वाकर और पहचान सुनिश्चित करके हिन्दुओं की हत्या की। इस घटना के बाद से देश में आक्रोश की लहर थी। उसी समय भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से कहा था कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को इस अपराध की कीमत चुकानी होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि जैसा देश की जनता चाहती है, वैसा ही होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने सेनाओं को प्रतिकार करने के लिए दिन, समय, स्थान और हमले का तरीका चुनने की खुली छूट दी। प्रधानमंत्री मोदी पर देश की जनता को पूर्ण विश्वास था कि हम अपने नागरिकों की हत्या का बदला अवश्य लेंगे। याद हो कि उरी और पुलवामा में भारतीय सेना पर हुए आतंकी हमले के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक करके आतंकियों को संदेश दिया था। नये भारत की यह नीति है कि वह हमलावरों को छोड़ता नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत सोच-विचार कर इस ऑपरेशन का नाम एवं उसकी योजना तय की। चूँकि आतंकियों ने धर्म जानकर भारतीय नागरिकों की हत्या की, इसलिए भारत ने भी ‘सिंदूर’ के बहाने अपना धर्म बताकर आतंकियों के ठिकाने नष्ट किए। सिंदूर प्रतीकात्मक रूप से हिन्दू धर्म से जुड़ा है। अपने आराध्य भगवान श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए महावीर हनुमान जी ने अपनी संपूर्ण देह पर सिंदूर लपेट लिया था। हिन्दू महिलाएं अपने सुहाग के प्रतीक के रूप और पति के सम्मान में अपने माथे पर सिंदूर सजाती हैं। सिंदूर हमारा स्वाभिमान है। पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने भारत की बेटियों के सामने उनके बेटे, भाई और पतियों की हत्या की उसका जवाब देना बहुत जरूरी था। ऐसे में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर नाम रख महिलाओं का सिंदूर उजाड़ने वालों को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत के स्वाभिमान पर कोई चोट न पहुँचाए।
शक्ति का संदेश...
— लोकेन्द्र सिंह (Lokendra Singh) (@lokendra_777) May 7, 2025
कमांडर कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका ने #OperationSindoor के संबंध में प्रेस ब्रीफ किया... pic.twitter.com/mJ3aieCJ1l
भारतीय थल सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह के जरिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी देश-दुनिया के सामने रखने का निर्णय लेकर भी भारत सरकार ने एक सशक्त संदेश दिया है। आतंकियों ने भारत की बेटियों का सिंदूर पोंछने के बाद उनसे कहा था- “जाकर, अपने मोदी को बता देना”। आतंकियों के इस तंज का जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भारत की बेटियों ने ही दिया है। मोदी सरकार की इस पहलकदमी का स्वागत हर कोई कर रहा है। यह एक कूटनीतिक पहल भी है, जिसमें बहुत सारे संदेश छिपे हैं।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो महिला सैन्य अधिकारियों के साथ विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी थे, उनका होना भी प्रतीकात्मक रूप से बहुत महत्व रखता है। विक्रम मिसरी कश्मीरी हिन्दू (पंडित) हैं। उनका जन्म श्रीनगर में हुआ। इस्लामिक आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में हिन्दुओं को पहले भी अपने निशाने पर लिया है। 1990 में चिह्नित करके हिन्दुओं से कश्मीर घाटी खाली करायी गई थी। यह करते हुए उन्होंने अपनी घृणित सोच को भी उजागर किया था। इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रम मिसरी का होना, आतंकवाद के लिए एक संदेश है- तुम कितना भी भयाक्रांत कर लो, लेकिन कश्मीर की हिन्दू पहचान मिटाना असंभव है। कश्मीर का हिन्दू आतंकवाद को उत्तर देने के लिए सामने आया है।
भारत को अन्य मोर्चों पर भी अपने कूटनीतिक प्रयासों में सफलता मिली है। हमले के बाद ज्यादातर बड़े देश भारत के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। अमेरिका की ओर से तो पाकिस्तान को यह संदेश भी दे दिया गया है कि वह भारत पर हमला करने का विचार भी न करे। आतंकवादियों पर कार्रवाई करने का भारत को पूरा अधिकार है। भारतीय सेना की कुशलता की जितना प्रशंसा की जाए कम है। उसने केवल उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया, जो आतंकवादियों के प्रशिक्षण के अड्डे थे। भारत ने पाकिस्तान के आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया है। कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी तीनों सेनाओं की प्रशंसा की है। पाकिस्तान को यह बात गाँठ बांध लेनी चाहिए कि यदि भविष्य में उसने इस प्रकार की कोई हरकत की तो उसका अंजाम इससे भी अधिक भयावह होगा।
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