वा मपंथियों की विचार परंपरा के हिसाब से देशभक्ति के दस सूत्र... इन दस तरीकों को नहीं अपनाया तो आप देशभक्त नहीं बल्कि संघी माने जायेंगे।
- भारत से कश्मीर को तोडऩे की बात करो और जोर-जोर से नारा बुलंद करो- 'भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशाअल्लाह-इंशाअल्लाह।' 'पाकिस्तान जिन्दाबाद-जिन्दाबाद।' आप इस तरह के नारों का समर्थन करके भी देशभक्त साबित हो सकते हैं। भारत जब युद्ध में घिर जाए तब 1962 का ध्यान करो।
- भारतीय संविधान की दुहाई दो, लेकिन उसको मानो मत। मौका मिले तो संविधान की आत्मा ही बदल डालो। आतंकियों के समर्थन में आधी रात को न्यायालय का दरवाजा खटखटाओ। तब भी बात न बने तो बाद में संवैधानिक व्यवस्था न्यायालय का माखौल बनाओ।
- अपने सामने किसी और को बुद्धिजीवी न समझो। विचार-विमर्श करने का ढोंग करो लेकिन जैसे ही कोई सवाल पूछना शुरू करे और ठीक जवाब देते न बने तो फौरन उसे 'संघी' घोषित कर दो। और यह बताने से भी न चूको कि पढ़ाई-लिखाई और देश का ज्ञान देने का ठेका सिर्फ तुमने ले रखा है।
- अभिव्यक्ति की आजादी का झंडा बुलंद करो लेकिन जैसे ही बात तस्लीमा नसरीन, सलमान रुशदी जैसे लेखकों की आए, बिना देरी किए उसी झंडे को ओढ़कर सो जाओ। सांस भी मत लेना। जेएनयू में आतंकियों का 'शहीदी दिवस' मनाने की अनुमति मांगो, लेकिन योगाचार्य रामदेव को घुसने मत देना।
- गोएबल्स को खूब गालियां दो, लेकिन उसके सिद्धांत पर व्यवहार करो। जितनी ताकत और बेशर्मी से झूठ बोल सकते हो बोलो।
- लोकतंत्र की प्रक्रिया में शामिल होने का नाटक तो करो लेकिन बार-बार याद करते रहें कि सत्ता बैलेट से नहीं बुलेट से मिलती है। देश में साम्यवादी तानाशाही कायम करनी है। जहाँ भी सरकार में आ जाओ, लाल क्रांति खड़ी कर दो। विरोधी को सहन नहीं करो, गोली से उड़ा दो।
- गांधीजी को बुर्जुआ कहो, अंग्रेजों के लिए उनकी जासूसी करो, लेकिन न्यायालय से निर्दोष साबित संघ को बदनाम करने के लिए उनका इस्तेमाल करना न भूलो। और हाँ, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को गाली देना मत भूलना। शिवाजी जैसे शूरवीरों को पहाड़ी चूहा भी कहना है।
- महिलाओं को उपभोग की वस्तु बनाने के लिए पूरे प्रयत्न करो। उन्हें बताओ की यौन स्वच्छंदा ही असली आजादी है। पुरुषों ने उसका उपभोग किया है। अब वह पुरुषों का उपभोग करे। उसका सम्मान करने का प्रपंच करो लेकिन बात जब दुर्गा पूजन की आए तो असुर महिषासुर के साथ खड़े हो जाओ।
- योग का तो नाम भी नहीं लेना। आयुर्वेद तो महा बकवास है। हाँ, मुसीबत में पड़ जाओ तो इनकी शरण लेने में कोई बुराई नहीं। भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा को बिना अध्ययन और शोध के खारिज कर दो।
- आखिर में सबसे आसान तरीका। हिन्दुओं को भांति-भांति की गालियां दो। खुलकर दो, जी-भरकर लिखो, यकीन कीजिए आपको बहुत बड़े देशभक्त, बुद्धिजीवी, प्रगतिशील और जितने भी श्रेष्ठ उपमाएं हैं, प्राप्त हो जाएंगी। वेद-पुराण, रामायण-महाभारत पढ़ो न पढ़ो लेकिन इन्हें ब्राह्मणवादी और मिथ्या घोषित करते रहो। सहूलियत के हिसाब से गड़रियों के गीत भी कह सकते हो। भारतीय परंपराओं को गाली देते रहो लेकिन मर जाओ तो विधि-विधान से अंतिम संस्कार करा लेना।
नोट : कोई पांच तरीके अपनाने पर भी आप सेक्युलर देशभक्त बन सकते हैं। लेकिन आखिरी का तरीका जरूरी है।
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