हमें नरेंद्र मोदी जैसे नेता की जरूरत है।
— Panchjanya (@epanchjanya) August 26, 2023
वो 12-13 घण्टे की लगातार यात्रा के बाद भी आकर हमसे मिले , हमें बहुत अच्छा लग रहा है।
उन्होंने हमें एक विजन दिया है , ISRO के पास टैलेंट की कमी नहीं है , हमे बस मोदी जी जैसे नेता की जरूरत है।
: ISRO वैज्ञानिक https://t.co/OQEfsJVQn3
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवा वैज्ञानिकों को एक बड़ा काम सौंपा है। उन्होंने युवा वैज्ञानिकों का आह्वान किया है कि वे आगे आएं और पुरानी खगोलीय गणनाओं को वैज्ञानिक तौर पर साबित करें। भारत के पास विज्ञान के ज्ञान का खजाना है। वह गुलामी में छिप गया था उसे अब खंगालना है। प्रधानमंत्री के इस आह्वान को युवा वैज्ञानिकों को स्वीकार करना चाहिए। भारत की ज्ञान–परंपरा में विज्ञान का खजाना छिपा हुआ है। वेदों से लेकर अन्य ग्रंथों में विज्ञान सूत्र रूप में मिलता है। भारत में विज्ञान की परंपरा कितनी उज्ज्वल और समृद्ध थी इस बात को समझने के लिए आज अनेक पुस्तकें उपलब्ध हैं।
मैं चाहता हूं कि भारत के शास्त्रों में जो खगोलीय सूत्र हैं, उन्हें साइंटिफिकली प्रूव करने और नए सिरे से उनके अध्ययन के लिए हमारी युवा पीढ़ी आगे आए। pic.twitter.com/cFD5JiUOua
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2023
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी ने अपनी पुस्तक ‘भारत में विज्ञान की उज्ज्वल’ में बहुत सरलता से ज्ञान के इस खजाने की झलक दिखाई है। इसके अलावा प्रसिद्ध गांधीवादी एवं इतिहासकार हुए धर्मपाल ने भी अपनी पुस्तकों में इस पर प्रकाश डाला है। भारत की इस ज्ञान–परंपरा को अनेक लोग खारिज कर देते हैं। वे हमसे अपेक्षा करते हैं कि हम उसे वैज्ञानिक कसौटी पर कसकर सिद्ध करें। परंतु विडंबना देखिए कि वे सब बिना किसी शोध एवं अध्ययन के ही भारत की महान विज्ञान परंपरा को खारिज कर देते हैं। खैर, अब अवसर आ गया है कि भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक वैज्ञानिक कसौटी कसें और उसे सिद्ध करें। हमारे सामने यह भी तथ्य है कि अनेक खोजों ने भारतीय विज्ञान की पुष्टि की है।
ऐसे में यदि हम लक्ष्य बनाकर इस काम में लगते हैं तो दुनिया को संदेश दे सकते हैं कि विज्ञान भारत के डीएनए में है। एक कालखंड आया था जब हम विज्ञान से दूर हुए लेकिन वैज्ञानिकता हमारे भीतर से खत्म नहीं हुई। इसलिए आज भी हम पुनः विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देश बन गए हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक और आग्रह किया है– “हमारी युवा पीढ़ी को आज की आधुनिक तकनीक के नए आयाम देने हैं। आसमान से लेकर समंदर तक करने के लिए बहुत कुछ है। नई पीढ़ी के कंप्यूटर बनाइए”। बहरहाल, आज की युवा पीढ़ी यदि प्रधानमंत्री मोदी के ये दोनों आह्वान स्वीकार कर लेती है, तो आनेवाले भारत की तस्वीर कुछ और होगी। अपने ग्रंथों में वर्णित उच्च कोटि के विज्ञान को हम फिर से जन कल्याण के लिए साकार कर सकेंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
पसंद करें, टिप्पणी करें और अपने मित्रों से साझा करें...
Plz Like, Comment and Share