रविवार, 18 जून 2023

रोजगार को लेकर सरकार बना रही है विश्वास का वातावरण, स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सौंप रहे युवाओं को नियुक्ति पत्र

रोजगार ऐसा मुद्दा है, जो देश की आर्थिक प्रगति का सूचक तो है ही, यह देश के सामान्य लोगों से भी सीधे जुड़ता है। रोजगार के मुद्दे को लेकर अकसर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर रहते हैं। देश की जनसंख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है और साक्षरता का प्रतिशत भी बढ़ गया है, ऐसे में सबको शासकीय नौकरी देना, अत्यंत चुनौतीपूर्ण काम है। इसके बावजूद केंद्र की मोदी सरकार ने देश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के साथ ही शासकीय नौकरी देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश में यह पहली बार हो रहा है कि स्वयं प्रधानमंत्री युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंप रहे हैं। किसी भी व्यक्ति के लिए यह गौरव की बात होगी कि उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से नियुक्ति पत्र मिला है। चूँकि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वास का पर्याय बन गए हैं, इसलिए सरकार युवाओं को संदेश देना चाहती है कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है।

बीते मंगलवार (13 जून) को 20 राज्यों में लगभग 43 स्थानों पर छठवें रोजगार मेले का आयोजन किया गया, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी ऑनलाइन जुड़े और उन्होंने 71 हजार 126 युवाओं के नियुक्ति पत्र जारी किए। रोजगार मेला अब भाजपा सरकार की पहचान बनता जा रहा है। विगत आठ महीनों में आयोजित 6 रोजगार मेलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 लाख 33 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंप चुके हैं। केवल आठ माह में इतनी बड़ी संख्या में रोजगार देना, यह सरकार के संकल्प को अभिव्यक्ति करता है। 

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अक्टूबर, 2022 को रोजगार मेले के पहले चरण को शुरु करते हुए कहा था कि “हमारा लक्ष्य है कि देश के युवाओं को 2023 के अंत तक 10 लाख सरकारी नौकरियां मिलें”। यानी आनेवाले दिनों में देश के लगभग 6 लाख युवाओं के हाथ में भी सरकारी नौकरी होगी। युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मोदी सरकार विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। सरकार के प्रयासों से निजी क्षेत्रों में भी व्यापक स्तर पर युवाओं को रोजगार मिला है। 

हालांकि मोदी सरकार का सबसे अधिक जोर इस बात पर है कि देश का युवा उद्यमी बने, रोजगार सृजनकर्ता बने और आत्मनिर्भर बने। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल से ही युवाओं को स्वरोजगार एवं नवाचारी विचार को धरातल पर उतारने के लिए योजनाएं शुरू कर दी थीं, जिनमें से ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘स्टैंड-अप इंडिया’ जैसी योजनाओं ने भारत के युवाओं की क्षमताओं को बढ़ाया है। इसके साथ ही गारंटी के बिना बैंक से ऋण दिलाने वाली मुद्रा योजना ने करोड़ो युवाओं को उनका स्वरोजगार प्रारंभ करने में सहायता की है। सरकार से मदद पाने वाले नौजवान अब स्वयं अनेक युवाओं को नौकरी दे रहे हैं। 

कहना होगा कि मोदी सरकार रोजगार को लेकर युवाओं के मन में विश्वास पैदा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। यह आवश्यक भी है कि देश के युवाओं के हाथ में कुछ न कुछ काम हो। खाली बैठा युवा देश की शक्ति नहीं बन सकता। देश की प्रगति में युवा ऊर्जा का सहयोग लेना अत्यंत आवश्यक है। संतोषजनक बात है कि केंद्र सरकार इस बात को भली प्रकार समझ रही है और उस दिशा में सक्रिय भी है।

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