भारत सहित समूची दुनिया में पर्यावरण संरक्षण को लेकर विमर्श भी बन गया है और उसके अनुरूप कुछ प्रयास भी प्रारंभ हुए हैं। विश्व पटल पर पर्यावरण को लेकर गंभीरता का निर्माण करने में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने प्रभावशाली वैश्विक मंचों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रगत एवं प्रगतिशील देशों का न केवल ध्यान आकर्षित किया है अपितु जिम्मेदारी का अहसास भी कराया है। बीते दिन भी जब वे विश्व बैंक द्वारा आयोजित विश्व नेताओं के एक आभासी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब भी उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे को उठाया। अपने उद्बोधन में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को व्यापक जनांदोलन बनाने का आह्वान किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न देशों के शासन-प्रशासन से नहीं अपितु सीधे नागरिकों से आह्वान किया है कि वे व्यक्तिगत रूप से अपने रोजमर्या के जीवन में बदलाव लाकर पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभाएं।
नि:संदेह यदि हम अपने आचरण को प्रकृति के अनुकूल कर लें, तब बहुत हद तक पर्यावरण संरक्षण की चुनौती से पार पा सकते हैं। यदि हम भारतीय जीवनदर्शन का अध्ययन करेंगे, तब ध्यान आएगा कि हमारे पुरुखों को पर्यावरण संरक्षण की चुनौती का कभी सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि उनकी जीवनशैली प्रकृति के अनुकूल थी। हमारा जीवनदर्शन प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलने पर आधारित है। जबकि पश्चिम के विचार में उपभोग का महत्व है। विगत कुछ दशकों में पश्चिमी विचार के प्रभाव में समूची दुनिया में भौतिकवाद एवं उपभोगवादी मानसिकता हावी हो गई, जिसके परिणाम है कि हमारे सामने अनेक प्रकार की चुनौतियां खड़ी हो गईं।
My remarks at the @WorldBank programme on ‘Making it Personal: How Behavioral Change Can Tackle Climate Change’. https://t.co/D7sWj3Huz2
— Narendra Modi (@narendramodi) April 15, 2023
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों से धरती के बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने, कार्बन उत्सर्जन को घटाने एवं स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि करने के वैश्विक प्रयास जोरों पर हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर विभिन्न स्तरों पर बैठकें हो रही हैं और योजनाएं बनायी जा रही हैं। उसके कुछ परिणाम भी वर्तमान में दिखने लगे हैं। परंतु आम नागरिक को सामान्यतौर पर यह जानकारी नहीं होती की संस्थागत प्रयासों के साथ ही वह व्यक्तिगत स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में क्या योगदान कर सकता है? यदि लोगों को भी उनके कर्तव्य ध्यान दिलाएं जाएं तो वे भी पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ऐसा ही एक सफल उदाहरण है। यह अभियान इसलिए सफल हो सका है क्योंकि प्रशासन को आम नागरिकों का भरपूर साथ मिला है। स्वच्छता के प्रति सजग होकर आम नागरिकों ने सरकार के आग्रह के अनुरूप अपने व्यवहार में बदलाव किया, तब उसके किस तरह के चमत्कारिक परिणाम आए हैं, सब हमारे सामने हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम नागरिकों से आह्वान किया है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में आम लोग अपनी भूमिका को पहचान लें, अपने नित्य व्यवहार में बदलाव ले आएं, तो वैश्विक संस्थाओं एवं विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों को अभूतपूर्व सफलता मिलेगी। दुनियाभर के नागरिकों को समझना चाहिए कि पर्यावरण संरक्षण आज अत्यंत आवश्यक मुद्दा बन गया है। इस मुद्दे की और अधिक अनदेखी नहीं की जा सकती। यदि पर्यावरण संरक्षण के लिए देश-दुनिया में जनांदोलन खड़ा हो जाता है, तब वांछित परिणाम प्राप्त होना तय है।
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