बुधवार, 15 अप्रैल 2020

कोरोना संक्रमण से बचाने वनवासी कल्याण परिषद की कार्यकर्ताओं ने सिलाई केंद्र पर मास्क बनाकर गाँव में बांटे

यह है संघ का विचार... साधारण कार्यकर्ता भी लोगों की सेवा-सुरक्षा में जुटे हैं


वनवासी कल्याण परिषद की ओर से महिलाओं/युवतियों को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई सेंटर चलाये जाते हैं। अब ये सिलाई केंद्र और यहां प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं/युवतियां सब कोरोना महामारी से लड़ने वाली योद्धा के रूप में काम कर रहे हैं। प्रशिक्षु एवं प्रशिक्षक युवतियां यहां गांववासियों और गरीब लोगों के लिए निःशुल्क मास्क सिल रहीं हैं।

यह चित्र मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गांव ठीकरी में संचालित सिलाई केंद्र का है। इसकी संचालिका कुमारी वर्षा धनवा रे है। उन्होंने सिलाई केंद्र पर प्राप्त कौशल का उपयोग कोरोना महामारी के इस विकट संकट में समाज के लिए करने का निर्णय लिया। दरअसल, वनवासी कल्याण परिषद की ओर से चलाए जाने वाले इस सिलाई केंद्र पर सिलाई सीखने के साथ-साथ समाजसेवा और देशसेवा का संस्कार भी सिखाया जाता है।

इसी शिक्षा का परिणाम है कि एक गांव की साधारण लड़की ने अपने कौशल और सिलाई केंद्र को लोगों की सेवा-सुरक्षा में समर्पित कर दिया। अभी तक कुमारी वर्षा ने 100 मास्क बना कर गांव में निशुल्क वितरित किये हैं। गांव वाले अपनी इस बेटी के सेवाभाव/सेवाकार्य को देखकर न केवल प्रसन्न हैं, बल्कि आश्वस्त भी हैं कि हम कोरोना को हरा देंगे और अपने लोगों को बचा लेंगे।

उल्लेखनीय है कि वनवासी कल्याण परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रेरणा से काम करने वाला संगठन है, जो वनवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से सक्रिय है।



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