एक बार फिर पाकिस्तान
में हिंदू लड़की के अपहरण और उसके जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया
है। अल्पसंख्यकों को लेकर पाकिस्तान की यही सच्चाई है। पाकिस्तान में कट्टरपंथी और
धर्मांध समूहों का वर्चस्व है। हालात यह हैं कि वहाँ अल्पसंख्यक हिंदू समाज का जीवन
अत्यंत कठिन हो गया है। आए दिन धर्मांध मुसलमान हिंदू लड़कियों का अपहरण करते हैं, जबरन धर्म परिवर्तन कर उनसे निकाह कर लेते हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान
भले ही अल्पसंख्यकों की चिंता करने का दिखावा करें, लेकिन
वास्तविकता यही है कि वह इन सब घटनाओं के प्रति उदासीन रवैया दिखाते हैं। इस घटना
के सामने आने के बाद न तो उन्होंने किसी प्रकार का सख्त बयान दिया है और न ही
प्रशासन को दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सरकार की उदासीनता या कहें कि गुपचुप समर्थन
पाकर ही कट्टरपंथी ताकतों के हौसले बुलंद हैं और वह जबरन धर्म परिवर्तन की
प्रक्रिया से सबको इस्लाम कबूल कराने के मिशन पर हैं। पूर्व में भी सिंध प्रांत से
इस प्रकार की घटनाएं सामने आई हैं, उनमें भी पाकिस्तान की
सरकार ने दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है। जब दोषियों को कानून का भय
ही नहीं होगा, तब वह अपराध करने में कहाँ चूकेंगे। जबरन
कन्वर्जन की यह घटनाएं बताती हैं कि पाकिस्तान में योजनापूर्वक यह सब किया जा रहा
है। प्रतीत होता है कि हिंदुओं का धर्मांतरण वहाँ नेकी का काम है। व्यापक स्तर पर
अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हो रहे अपराध के पीछे संगठित गिरोह हैं। हिंदू लड़कियों
का घर से निकलना कठिन हो गया है। यह लड़की पढऩे के लिए महाविद्यालय गई थी, वहीं से बंदूक के बल पर उसका अपहरण किया गया।
इस घटना के विरोध में भारत और पाकिस्तान,
दोनों ही जगह हिंदू समाज में आक्रोश है। भारत में दिल्ली स्थित
पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने हिंदुओं ने प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपहृत लड़की
को उसके माता-पिता को सौंपने और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित
करने की माँग की है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्मस्थल ननकाना साहिब
में सिख समुदाय के लोगों ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
भारत सरकार को हस्तक्षेप कर पाकिस्तान में रह
रहे हिंदुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए। पाकिस्तान यदि सामान्य बातचीत के
बाद अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर समुचित ध्यान नहीं देता है, तब
भारत को इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय पटल पर उठाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ और
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार को चिट्ठी लिख कर पाकिस्तान में हिंदुओं सहित अन्य सभी
अल्पसंख्यक वर्ग के साथ हो रहे अत्याचार की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना
चाहिए। हिंदू समाज भारत की ओर अपेक्षा और सहयोग की निगाह से देखता है। हिंदू समाज
के लिए भारत के अलावा और कोई आसारा नहीं है। इसलिए भारत सरकार को इस मामले में
सक्रियता दिखानी चाहिए। यद्यपि भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। विदेश
मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, ‘सिविल
सोसायटी और भारत के लोग पाकिस्तान में दो सिख लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और निकाह की हाल की निंदनीय घटनाओं की कड़े शब्दों में
निंदा करते हैं। हमने पाकिस्तान को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है और तत्काल
उपचारात्मक कार्रवाई करने को कहा है।’ किंतु पाकिस्तान की जो
स्थिति है, उसमें इतने से आग्रह पर वह कार्यवाही करेगा,
यह भरोसा करना कठिन है। इसलिए भारत सरकार को अधिक प्रयास करने
होंगे।
Sahi kaha aapne.
जवाब देंहटाएंShayad ye bhi aapko pasand aayen- Prevention of radioactive pollution , Noise pollution images
Thank You for this useful information. It's very useful for everyone-THANKS
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