आज जीवन के ३१ वसंत पूरे हुए। जीवन का यह साल बहुत कुछ लेकर आया। थोड़ा संतुष्ट हूं इस साल की उपलब्धियों को लेकर। बहुत-कुछ काम हुआ। सामाजिक दायरा भी बड़ा। नए मित्र भी बने। यह एक पड़ाव था। अब आगे का सफर शुरू करना है। सुखद बात यह है कि मेरे जीवन में अच्छे लोगों की बाढ़ आ गई है। इसलिए आगे के सफर की अधिक चिंता नहीं है। सही राह दिखाने के लिए मेरे पास अच्छे मार्गदर्शक हैं और ढेर सारी हिम्मत देने के लिए शानदार दोस्त भी हैं। आप सबके साथ के लिए धन्यवाद। यूं ही सदैव आपका स्नेह मिलता रहे।
अच्छे लोगों को अच्छे लोग कहीं न कहीं मिल ही जाते भाई लोकेन्द्र . आगे भी मिलते रहेंगे आपको उम्र का यह खुबसूरत पड़ाव बहुत बहुत मुबारक . अंनत शुभ-कामनाएं .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दीदी
हटाएंखुबसूरत पड़ाव
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