सचिन के बारे में सिद्ध हो चुका है कि वे अपने आलोचकों को जवाब माइक से नहीं बल्कि अपने बल्ले से देते हैं। सचिन के खेल पर जब-जब किसी ने ऊंगली उठाई है, तब-तब उन्होंने इसका करारा जबाव बल्ले से दिया है। अभी-अभी 168 वें मैच में पांचवा दोहरा शतक ठोककर उन्होंने सुनील गावस्कर (टेस्ट में चार दोहरे शतक) को पीछे छोड़ते हुए राहुल द्रविड़ की बराबरी कर ली है। टेस्ट क्रिकेट में अब उनके 48 शतक हो गए हैं। इसके साथ ही टेस्ट और वनडे में उनके कुल 94 शतक हो चुके हैं और वे शतकों के शतक से महज 6 कदम पीछे हैं। पिछले तीन सालों से उन्होंने जो गति पकड़ी है उसे देखकर तो लगता है वे जल्द ही शतकों के शतक की चोटी पर होंगे। श्रीलंका के खिलाफ इस दूसरे मैच में सचिन ने 19 वीं बार 150 से या इससे अधिक रन बनाने का सर डान बै्रडमैन का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इम मामले में वे अब वेस्टइंडीज के लारा की बराबरी पर हैं।
. उनका यह दोहरा शतक उन लोगों के लिए जवाब है जो उन्हें बूढ़ा (सचिन की दाड़ी के बाल सफेद पक गए हैं।) मानकर कह रहे थे कि श्रीलंका का यह दौरा सचिन का आखिरी दौरा होगा। सचिन के बल्ले ने लगातार रनों की बारिश कर जता दिया कि उनकी उम्र जरूर 37 हो गई है, लेकिन मन तो अभी बच्चा है जी! पिछले तीन सालों से उनके खेल को देखकर तो लगता है कि वे जवानी के दिनों से अधिक खूंखार हो गए हैं। क्रिकेट का कोई-सा भी फोर्मेट हो, उनका जोश काबिल-ए-तारीफ है। वनडे, 20-20 और टेस्ट सभी में वे लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में उनका टेस्ट क्रिकेट का औसत 97 रहा है। वर्ष 2010 में अब तक छह टेस्ट मैंचों में पांच शतक लगा चुके हैं। हम आशा और प्रार्थना करते हैं कि सचिन इससे भी बेहतर प्रदर्शन करते रहें। ताकि अन्य देश के गेंदबाजों के दिल में भारत के इस शेर का खौफ बना रहे।
. चलते-चलते मित्रों को एक जानकारी और दे देता हूं। हालांकि वह पहले ही आप तक पहुंच गई होगी। सचिन की आत्मकथा की विशेष प्रतियों में उनके खून के प्रयोग की बात निराधार है। सचिन ने मीडिया को यह जानकारी दी है कि किताब के पृष्ठ तैयार करने के लिए उनके रक्त के उपयोग की जानकारी बेबुनियाद है। वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं। यदि प्रकाशन मंडल ऐसी कोई योजना बना रहा है तो वे इस बात का समर्थन नहीं करेंगे। सचिन के फैन्स को इस खबर से कुछ राहत मिली है। सुनने में आ रहा था कि कई फैंस को किताब में खून के प्रयोग की बात अच्छी नहीं लग रही थी।
. चलते-चलते मित्रों को एक जानकारी और दे देता हूं। हालांकि वह पहले ही आप तक पहुंच गई होगी। सचिन की आत्मकथा की विशेष प्रतियों में उनके खून के प्रयोग की बात निराधार है। सचिन ने मीडिया को यह जानकारी दी है कि किताब के पृष्ठ तैयार करने के लिए उनके रक्त के उपयोग की जानकारी बेबुनियाद है। वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं। यदि प्रकाशन मंडल ऐसी कोई योजना बना रहा है तो वे इस बात का समर्थन नहीं करेंगे। सचिन के फैन्स को इस खबर से कुछ राहत मिली है। सुनने में आ रहा था कि कई फैंस को किताब में खून के प्रयोग की बात अच्छी नहीं लग रही थी।
वनडे में सचिन के दोहरे शतक का आंखो देखा हाल पढऩे के लिए क्लिक करें........
विटामिन एम (एम फॉर मनी) सब सफेद बाल करिया कर देता है... घबराइए मत 50 से पहिले त रिटायर होने का कोनो पॉसिबिलिटी नहीं है...
जवाब देंहटाएंसचिन के प्रदर्शन के क्या कहने! इस उम्र में भी शानदार रूप से जी जान लगाकर खेलते हैं! बहुत बढ़िया लिखा है आपने! उम्दा पोस्ट!
जवाब देंहटाएंआश्चर्यजनक लगते हैं सचिन के ये कारनामे।
जवाब देंहटाएंजय हो सचिन बाबा की।
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पाँच मुँह वाला नाग?
साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।
well written PANCHU...
जवाब देंहटाएंआपकी यह पोस्ट बहुत पहले ही पढ़ ली थी पर कमेंट इसलिए नहीं कर पाया क्योंकि समझ नहीं पा रहा था कि क्या लिखूं। हालांकि अभी भी नहीं सोच पाया हूं कि क्या लिखूं। बस इतना ही लिखूंगा सचिन तुम्हें सलाम!
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है, लेकिन कुछ कमी है। अपना देश अमेरिका व अन्य यूरोपिय देशों की तुलना कर रहा है उक्त मामले में सरकार को चाहिए था कि वह पहले इन देशों की भांति बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं पर ध्यान दें। उसके बाद इस प्रकार के कानूनों के बारे में सोचे।
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