बुधवार, 2 जनवरी 2019

दुर्गा धारा : अमरकंटक का एक और आकर्षक जल प्रपात


- लोकेन्द्र सिंह - 
दुर्गा धारा एक बहुत छोटा जल प्रपात है, लेकिन बहुत रमणीय है। मई माह की गर्मी में भी यह झरना चल रहा था। बारिश में यहाँ के दृश्य की कल्पना करके ही मन आल्हादित हो रहा था और इच्छाएं बार-बार हूँक मार रही थीं कि एक बार इस स्थान पर बरसात में जरूर आना चाहिए। पहाड़ों में ऊपर स्थित अमरनाला या अमरताल से होकर निकली धारा तकरीबन दो-तीन किमी की दूरी सघन वन में तय करके यहाँ जल प्रपात के रूप में गिरती है। 
         
अमरकंटक से जब हम माई के मण्डप के लिए जाते हैं, तब यह स्थान हमें बीच में मिलता है। हमने माई के मण्डप से लौटकर इस स्थान पर थोड़ा समय बिताया। यहीं से एक कच्चा रास्ता अमरेश्वर मंदिर के लिए जाता है। माई का मण्डप, दुर्गा धारा और अमरेश्वर मंदिर, तीनों ही छत्तीसगढ़ की सीमा में आते हैं।
          पूर्व में इसका नाम कुछ और रहा होगा। लेकिन, कालांतर में इस स्थान पर मृत्युंजय आश्रम, अमरकंटक से जुड़े स्वामी आत्मानंद सरस्वती ने दुर्गा मंदिर का निर्माण करा दिया, तब से इस जल प्रपात का नामकरण 'दुर्गा धारा' हो गया। मृत्युंजय आश्रम के प्रबंधक श्री योगेश जी बताते हैं कि नर्मदा परिक्रमावासियों और धार्मिक पर्यटकों के लिए दुर्गा धारा/ दुर्गा मंदिर स्थान पर सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। 
---
यह भी पढ़ें - 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पसंद करें, टिप्पणी करें और अपने मित्रों से साझा करें...
Plz Like, Comment and Share