बुधवार, 4 सितंबर 2024

उमेश उपाध्याय : पत्रकारिता के उजले सितारे

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय (26 अगस्त, 1960- 1 सितंबर, 2024)

श्रद्धेय उमेश उपाध्याय जी भारतीय पत्रकारिता के उजले सितारों में से एक थे। सभी माध्यमों की पत्रकारिता में उनका एक सम्मानित स्थान था। यही कारण है कि उनके असमय निधन पर विभिन्न क्षेत्रों के पत्रकार बंधु दुःखी मन से उनके साथ बिताए अविस्मरणीय एवं प्रेरणादायी प्रसंगों का स्मरण कर रहे हैं।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के साथ उनका गहरा और आत्मीय जुड़ाव था। विगत 14-15 वर्षों से विश्वविद्यालय को उनके अनुभव का लाभ मिल रहा था। वे विश्वविद्यालय की महापरिषद के सम्मानित सदस्य थे। विद्या परिषद एवं अन्य समितियों में भी उनके विजन का लाभ विश्वविद्यालय को मिला है। अनेक अवसरों पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का प्रबोधन उन्होंने किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से दिए जानेवाला प्रतिष्ठित ‘गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार’ भी उन्हें प्रदान किया गया था।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन प्रसंग पर आपका जन्म 26 अगस्त, 1960 को उत्तरप्रदेश में हुआ। आपने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरूआत वर्ष 1980 में की थी और बहुत ही कम समय में अपनी अलग पहचान बना ली। ग्राउंड रिपोर्टिंग से अपने करियर की शुरूआत करके आपने एक मूर्धन्य संपादक के रूप में अपनी पहचान बनायी। टेलीविजन मीडिया में काम करते हुए आपने स्वयं को संजीदा पत्रकार के साथ ही कुशल एंकर के रूप में भी स्थापित किया। समाचारों को प्रस्तुत करने की आपकी शैली ने दर्शकों के बीच बहुत ही कम समय में आपको लोकप्रिय ‘न्यूज एंकर’ बना दिया था। आप उन विरले पत्रकारों में शुमार हैं, जिन्होंने प्रिंट, रेडियो, टेलीविजन और डिजिटल मीडिया में काम किया। यानी आपसे कोई भी मीडिया अछूता नहीं रहा। चार दशक की अपनी पत्रकारिता में उमेश जी ने ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’, ‘ऑल इंडिया रेडियो’, ‘डीडी न्यूज’, ‘नेटवर्क18’ और ‘जी न्यूज’ सहित कई प्रमुख समाचार संगठनों के साथ काम किया। मनोरंजन क्षेत्र के लोकप्रिय टेलीविज़न काहीनल 'सब टीवी' में भी आपने कार्यकारी निर्माता के रूप में अपनी सेवाएं दीं। आप कॉरपोरेट कम्युनिकेशन के भी सिद्ध हस्ताक्षर रहे। इस रूप में आपने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में मीडिया के अध्यक्ष और निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं।  

उमेश जी जेएनयू, डीयू और FTII जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र रह चुके। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा और पत्रकारिता के प्रति गहरा जुड़ाव बनाए रखा। उनके लेखों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और मीडिया के प्रति उनका जुनून स्पष्ट रूप से झलकता था। कुछ समय पहले ही उमेश जी की एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ प्रकाशित होकर आई है, जिसकी चारों ओर खूब चर्चा हो रही है। यह पुस्तक भारतीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर उनकी गहरी समझ का प्रमाण है। इस पुस्तक में उमेश जी ने विदेशी मीडिया के भारत विरोधी एजेंडे की संदिग्धता को उजागर किया है। वे नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी करते और एक TED टॉक भी दे चुके थे। 

सफलता के शिखर पर होने के बाद भी उनका व्यक्तित्व सहज और सरल था। उमेश जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हुए थे। संघ के आदर्श कार्यकर्ताओं में उमेश जी का नाम लिया जा सकता है। आरएसएस के प्रचार विभाग में उमेश जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वे संघ के प्रचार विभाग की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य थे।

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