लक्कड़खाना, लश्कर का बहुत पुराना स्थान है। रियासत काल में यह लकड़ी की बिक्री का प्रमुख केन्द्र हुआ करता था। इसी कारण इसका नाम लक्कड़खाना पड़ा। उस समय शरीरिक रूप से अक्षम और असहाय लोगों को यहां खाना बांटा जाता था। खाना बनाने के लिए लकड़ी की सप्लाई भी लक्कड़खाने से ही होती थी। लक्कड़खाना पुल पर नकलेराम शाक्य का पुराना भवन है। यह स्थापत्य और विरासत की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भवन पर बेजोड़ शिल्पकला देखने को मिलती है। कहा जाता है कि इन्हीं नकलेराम शाक्य ने लक्कड़खाना बस्ती बसाई थी।
सुन्दर चित्र और जानकारी, धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुमूल्य जानकारी!
जवाब देंहटाएंसुन्दर जानकारी ..
जवाब देंहटाएंसंक्षेप से मन नहीं भरा.
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