हर्ष गुप्ता |
सन् २००४ में वह पढ़ाई खत्म करके घर वापस आया। उसने फावड़ा-तसल्ल उठाए और पहुंच गया अपने खेतों पर। यह देख स्थानीय लोग उसका उपहास उड़ाने लगे। लो भैया अब इंजीनियर भी खेती करेंगे। नौकरी नहीं मिल रही इसलिए बैल हाकेंगे। वहीं इससे बेफिक्र हर्ष ने अपने खेतों को व्यवस्थित करना शुरू कर दिया। इसमें उसके पिता का भरपूर सहयोग मिला। पिता के सहयोग ने हर्ष के उत्साह को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया। बेटे की लगन देख पिता का जोश भी जागा। खेतीबाड़ी से संबंधित जरूरी ज्ञान इंटरनेट, पुराने किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के सहयोग से जुटाया। नतीजा थोड़ी-बहुत मुश्किलों के बाद सफलता के रूप में सामने आया। उसके फार्म पर आंवला, आम, करौंदा, शहतूत, गुलाब सहित शीशम, सागौन, बांस और भी विभिन्न किस्म के पेड़-पौधे २१ बीघा जमीन पर लगे हैं। हर्ष की कड़ी मेहनत ने उन सबके सुर बदल दिए जो कभी उसका उपहास उड़ाते थे। उसके फार्म को जिले में जैव विविधता संवर्धन के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है। इतना ही नहीं कृषि पर शोध और अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को फार्म से सीखने के लिए संबंधित संस्थान भेजते हैं।
हर्ष का कहना है कि मेहनत तो सभी किसान करते हैं, लेकिन कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान न रखने से उनकी मेहनत बेकार चली जाती है। मेहनत व्यवस्थित और सही दिशा में हो तो सफलता सौ फीसदी तय है। मैं इंजीनियर की अपेक्षा किसान कहलाने में अधिक गर्व महसूस करता हूं। हर्ष कहते हैं कि खेती के जिस मॉडल को मैं समाज के सामने रखना चाहता हूं उस तक पहुंचने में कुछ वक्त लगेगा.......
हर्ष गुप्ता और उसके फार्म के बारे में बात करने का मेरा उद्देश्य सिर्फ इतना सा ही है कि कामयाबी के लिए जरूरी नहीं कि अच्छी पढ़ाई कर बड़ी कंपनी में मोटी तनख्वा पर काम करना है। लगन हो तो कामयाबी तो साला झक मारके आपके पीछे आएगी। यह कर दिखाया छोटे-से कस्बे नरसिंहगढ़ के फुन्सुक वांगडू 'हर्ष गुप्ता' ने।
प्रेरक व्यक्तित्व.. बहुत अच्छा लगता है ऐसे लोगों के बारे में जानकर! आज ब्लॉग जगत में भी कई इंजीनियर इतनी अच्छी अच्छी कविताएँ लिख रहे हैं कि लगता नहीं कि साहित्य के विद्यार्थी न हों!
जवाब देंहटाएंहर्ष जी साधुवाद के पात्र हैं!!
हर्ष गुप्ता जैसे लोग यदि उदाहरण बनें तो भारत पुनः एक कृषि प्रधान देश हो सकता है.. दरसल खेती को कोई भी सीरियसली लेता ही नहीं, ख़ासकर शहरी और आधुनिक पढाई पढने वाले लोग!!
जवाब देंहटाएंएक अनोखी शख़्सियत से परिचय करवाने का आभार!!
बहुत प्रेरणादायक पोस्ट! देश को ऐसे नौजवानों की बडी आवश्यकता है।
जवाब देंहटाएंऐसे लोग ही समाज को दिशा प्रदान करते हैं !
जवाब देंहटाएंप्रेरणादायक पोस्ट के लिए आभार !
post prerna dayak hay...
जवाब देंहटाएंAise logon ko jaan kar andar se umda aur imandaari ke sath kaam karne ka zazba jaag jata hay...kuchh log kisi khas kaam karne ke liye paida hote hayn ..unhe jaan kar behad khushi hoti hay..
शिक्षा से कृषि को भी उन्नत बनाय जा सकता है प्रेरक प्रसंग !
जवाब देंहटाएंहर्ष गुप्ता जैसे लोग तो उदाहरण होते हैं...
जवाब देंहटाएंऐसे युवाओ की ही आज जरूरत है...
पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए! दरअसल मैं ज़रूरी काम में व्यस्त थी इसलिए पिछले कुछ महीनों से ब्लॉग पर नियमित रूप से नहीं आ सकी!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर और प्रेरणादायक पोस्ट! उम्दा प्रस्तुती!
बिलकुल...! हर्ष गुप्ता पर ये उपयोगी रिपोर्ट पेश कर लोकेन्द्र आपने एक उत्तम कार्य किया है.
जवाब देंहटाएं--
लोकेन्द्र, आज के दौर में ऐसे पोस्टों की बहुत आवश्यकता है विशेष कर नौजवानों को.
जवाब देंहटाएंमैं चाहूँगा आप भी नियमित कुछ करते रहें.
मैंने युवाओं के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया है, चाहे तो आप भी शामिल हो सकते हैं.
मेरे मंजिल कठिन हैं और संसाधन सीमित पर मुझे भरोसा है मैं जरुर अपने देश में अपने प्रोजेक्ट को पूरा करूँगा.
धन्यवाद.
सुलभ जी बिलकुल जुड़ना चाहेंगे..... बताईये क्या करना है... मेरा मोबाइल ९८९३०७२९३० पर आप मुझसे बात कर सकते हैं....
जवाब देंहटाएंअच्छा लगता है ऐसे लोगों के बारे में जानकर ... हर्ष गुप्ता जैसे लोग तो उदाहरण होते हैं...
जवाब देंहटाएंकामयाबी के लिए जरूरी नहीं कि अच्छी पढ़ाई कर बड़ी कंपनी में मोटी तनख्वा पर काम करना है। लगन हो तो कामयाबी तो साला झक मारके आपके पीछे आएगी।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही .....
इसलिए बच्चों पर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए ...
उन्हें जिस चीज का शौक हो उस क्षेत्र में जाने देना चाहिए ....
बहुत अच्छा उदाहरण ...
बधाई 'हर्ष गुप्ता' जी को....
हर्ष गुप्ता और उनके फार्म के बारे में प्रेरणादायक पोस्ट......
जवाब देंहटाएंसार्थक लेखन के लिए बधाई।
हर्ष गुप्ता का उदाहरण अनुकरणीय और प्रोत्साहित करने वाला है ! सफलता के लिए लगन और मेहनत ज़रूरी है !
जवाब देंहटाएंज़मीन से जुड़े ऐसे लोगों को आप अपने ब्लॉग पर लाकर बहुत अच्छा काम कर रहें हैं ! आभार !
हर्ष जी के बारे मे जो जानकारी बताई है ये तो बहुत कम है? इनके जीवन से जूड़ी और भी कई रोचक जानकारिया भी जो इस मे उल्लेख नही किया है।
जवाब देंहटाएंये वैदिक संस्कृति से जुड़े आज के नोजवान है ओर मेरी इनसे जीवन मे एक ही बार मुलाकात हुई है वह भी एक छोटी सी जगह ओर कम समय में काफी कुछ सूखने को मिला।