शनिवार, 7 सितंबर 2024

कांग्रेसी मंत्री ने स्वीकारा अवैध घुसपैठ और लव जिहाद का सच

हिमाचल प्रदेश के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण, घुसपैठ और लव जिहाद की जानकारी विधानसभा के पटल पर रखते हुए कांग्रेस के मंत्री अनिरुद्ध सिंह

भारतीय राजनीति में वोटबैंक की राजनीति के चलते कांग्रेस ने सांप्रदायिक चुनौतियों को हमेशा नजरअंदाज किया है। अपितु जिसने भी अवैध घुसपैठ और लव जिहाद जैसे मुद्दों को उठाया है, कांग्रेस ने उन्हें ही सांप्रदायिक ठहराने पर जोर दिया है। जबकि होना यह चाहिए था कि कांग्रेस जैसा राजनीतिक दल समाज की इन चुनौतियों को स्वीकार करके उनके समाधान पर चर्चा करता। सच को अस्वीकार करके सेकुलरिज्म को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। अवैध घुसपैठ, अतिक्रमण, लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे मुद्दों की अनदेखी करके या उनका बचाव करके सेकुलरिज्म नहीं अपितु सांप्रदायिकता का ही पोषण होता है। जिसकी अनुभूति अब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता एवं मंत्रीगण कर रहे हैं। 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बन रही एक अवैध मस्जिद के संदर्भ में कांग्रेस के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस्लामिक गतिविधियों का जो सच विधानसभा के पटल पर रखा है, वह चिंताजनक है। किसी भी प्रकार के वैचारिक चश्में को हटाकर उस सच को देखने की आवश्यकता है। कांग्रेसी मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने माना है कि शिमला में रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी मुस्लिमों की अवैध घुसपैठ हुई है, जिसके कारण से सांप्रदायिक सद्भाव का वातावरण ही नहीं बिगड़ा है अपितु महिला सुरक्षा के मुद्दे भी उठने लगे हैं। उनकी इस टिप्पणी को गंभीरता से लेना चाहिए- “संजौली बाजार (जहाँ अवैध मस्जिद बनी है) में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियाँ हो रही हैं। लव जिहाद जैसी घटनाएँ हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं। बाहर से आए अवैध घुसपैठियों की जाँच होनी चाहिए”। 

याद रखें कि भारतीय जनता पार्टी के नेता लंबे समय से इन विषयों को उठा रहे हैं लेकिन तथाकथित सेकुलर बिरादरी भाजपा पर मुस्लिम विरोधी और सांप्रदायिक होने के आरोप लगाकर समाज के सामने खड़ी चुनौतियों पर मिट्टी डालने की कोशिशें करती आई है। जिसके कारण समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। समय रहते सच को स्वीकार कर लिया जाता तब आज यह स्थिति नहीं बनती कि कांग्रेस के मंत्री को दावा करना पड़ता कि बाजारों में इन असामाजिक तत्वों द्वारा महिलाओं के साथ अभ्रदता और भद्दी टिप्पिणों के वे प्रत्यक्षदर्शी हैं। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा के पटल पर शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण की तथ्य आधारित जानकारी भी प्रस्तुत की है। 

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस में वे अकेले ऐसे नेता हैं, जो इन विषयों पर खुलकर बोल रहे हैं। उनके अलावा कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इसे अवैध बताया है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने भी बताया कि 2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई। अवैध निर्माण और अवैध घुसपैठ के कारण वहाँ किस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं, इसका अंदाजा स्थानीय नागरिकों के आक्रोश को देखकर लगाया जा सकता है। अब देखना होगा कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने स्थानीय नेतृत्व के साथ खड़ा होता है या फिर वोटबैंक की चिंता में सांप्रदायिक ताकतों के दबाव में घुटने टेकेगा। 

गुरुवार, 5 सितंबर 2024

फिल्मकारों की चालाकियां का उदाहरण है ‘आईसी814- द कंधार हाईजैक’

ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर हाल ही में जारी हुई वेबसीरीज ‘आईसी814- द कंधार हाईजैक’ को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। दरअसल, पूरी वेबसीरीज में आतंकियों के वास्तविक नामों की जगह उनके कोडनेम का इस्तेमाल किया गया है। भारतीय वायुसेना की उड़ान संख्या-आईसी814 का हाईजैक करनेवाले आतंकियों ने अपने वास्तविक नाम एवं पहचान छिपाने के लिए बर्गर, चीफ, शंकर और भोला जैसे कोडनेम रखे थे। वेबसीरीज के निर्माता ने इस तथ्य का गलत ढंग से उपयोग करते हुए आतंकियों की पहचान इन्हीं नामों से स्थापित करने का प्रयास किया। हालांकि फिल्म के अंत में आतंकियों के वास्तविक नामों का उल्लेख किया गया है। हम सब जानते हैं कि फिल्म समाप्त होने के बाद आनेवाली जानकारियों को आमतौर पर दर्शक पढ़ते नहीं है। ऐसे में वेबसीरीज के दर्शकों के मन में यह बात बैठ जाती कि आतंकियों में हिन्दू ‘भोला’ और ‘शंकर’ भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि भारत में इस्लामिक आतंकवाद के बचाव में और हिन्दुओं को बदनाम करने की नीयत से ‘हिन्दू आतंकवाद’ की फर्जी अवधारणा को स्थापित करने के लिए अनेक प्रकार की साजिशें हो चुकी हैं। हिन्दुओं की छवि खराब करने की दिशा में ही फिल्म निर्माताओं की इस कलाकारी को देखना चाहिए।

बुधवार, 4 सितंबर 2024

उमेश उपाध्याय : पत्रकारिता के उजले सितारे

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय (26 अगस्त, 1960- 1 सितंबर, 2024)

श्रद्धेय उमेश उपाध्याय जी भारतीय पत्रकारिता के उजले सितारों में से एक थे। सभी माध्यमों की पत्रकारिता में उनका एक सम्मानित स्थान था। यही कारण है कि उनके असमय निधन पर विभिन्न क्षेत्रों के पत्रकार बंधु दुःखी मन से उनके साथ बिताए अविस्मरणीय एवं प्रेरणादायी प्रसंगों का स्मरण कर रहे हैं।

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के साथ उनका गहरा और आत्मीय जुड़ाव था। विगत 14-15 वर्षों से विश्वविद्यालय को उनके अनुभव का लाभ मिल रहा था। वे विश्वविद्यालय की महापरिषद के सम्मानित सदस्य थे। विद्या परिषद एवं अन्य समितियों में भी उनके विजन का लाभ विश्वविद्यालय को मिला है। अनेक अवसरों पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का प्रबोधन उन्होंने किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से दिए जानेवाला प्रतिष्ठित ‘गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार’ भी उन्हें प्रदान किया गया था।