अपने तीसरे कार्यकाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। प्रधानमंत्री को देश की जनता पर विश्वास है कि इस बार पहले की अपेक्षा जनता की ओर से उन्हें और अधिक बड़ा जनादेश मिलेगा। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की प्रत्येक पंक्ति इस आत्मविश्वास को व्यक्त करती है। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी के आत्मविश्वास के पीछे वर्तमान समय में बना देश का वातावरण है। अयोध्या में श्रीरामलला का मंदिर निर्माण ने जिस प्रकार की ऊर्जा का संचार समूचे देश में किया है, वह अचंभित करनेवाला है। देश में चल रही रामलहर को देखकर कोई भी बता सकता है कि भारत का समाज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए लोकसभा चुनाव का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है।
देश के आर्थिक विकास की बात हो, गरीबी उन्मूलन की दिशा में बढ़ते कदम हो या फिर आधारभूत संरचनाओं के विकास की झलक हो, सबने मोदी सरकार के प्रति एक विश्वास पैदा किया है। लोगों का यह विश्वास ही प्रधानमंत्री का आत्मविश्वास बनकर उनके भाषण में सुनायी दे रहा है। इतना ही नहीं, विपक्ष की स्थिति भी ठीक नहीं है। कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा जोड़कर विपक्षी गठबंधन के नाम पर जो भानुमति का कुनबा बनाया गया था, वह तो चुनाव आने से पहले ही बिखरता दिख रहा है। इसकी पूरी संभावना है कि लोकसभा चुनाव आते-आते विपक्षी गठबंधन केवल नाममात्र का बचेगा क्योंकि सभी बड़े और प्रभावशाली दल स्वयं को इस गठबंधन से दूर कर लेंगे। अनेक झटके लगने के बाद भी कांग्रेस की जिस प्रकार की नीति है, वह भी भाजपा के अनुकूल परिस्थितियां बनाने में सहायक है। यह सब कारण हैं, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी देश की सबसे बड़ी पंचायत ‘संसद’ में खड़े होकर कह पाते हैं कि तीसरे कार्यकाल के लिए जनता भाजपा को 375 और भाजपानीत गठबंधन ‘राजग’ को 400 से अधिक सीटें जिताने जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में अपनी सरकार की उपलब्धियां तो गिनायी हीं, साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के विचारों की भी व्याख्या की। लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद के लिए आए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने 100 मिनट के भाषण में कांग्रेस, परिवारवाद, भ्रष्टाचार, रोजगार, महंगाई, राम मंदिर, पर्यटन, महिला, किसान, युवा, विपक्षी गठबंधन और 10 साल के कांग्रेसनीत गठबंधन यूपीए के मुकाबले भाजपानीत गठबंधन एनडीए की सरकारों के सरकार के काम-काज को देश की जनता के सामने रखा। उन्होंने जिस कुशलता के साथ कांग्रेस के शासनकाल और भाजपा के शासनकाल का अंतर प्रस्तुत किया है, वह उनके जैसे कुशल वक्ता के लिए इसलिए भी संभव हो सका क्योंकि उनकी सरकार ने अहर्निश काम किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक और बड़ी बात कही है, जिसकी चर्चा आम जनता के बीच भरपूर होगी- “हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल और अधिक बड़े निर्णयों वाला होगा”। अनुच्छेद-370 और राममंदिर के बाद और कौन से बड़े निर्णय मोदी सरकार ले सकती है, यह चर्चा जनता के बीच कौतुहल और अगले कार्यकाल की प्रतीक्षा को बढ़ाएगी। बहरहाल, प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में दिए अपने भाषण से भाजपा के कार्यकर्ताओं को एक ऊर्जा एवं लक्ष्य दे दिया है। देखना होगा कि मोदी नाम की इस आँधी का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस क्या तैयारियां करती है?
सारी इन्ही को मिलें | ४०० ही क्यों?
जवाब देंहटाएंआपके मुंह में घी-शक्कर।
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