जब से शहर आया हूं
हरी साड़ी में नहीं देखा धरती को
सीमेंट-कांक्रीट में लिपटी है
जींस-पेंट में इठलाती नवयौवन हो जैसे
धानी चूनर में शर्माते,
बलखाते नहीं देखा धरती को
जब से शहर आया हूं।
गांव में ऊंचे पहाड़ से
दूर तलक हरे लिबास में दिखती वसुन्धरा
शहर में, आसमान का सीना चीरती इमारत से
हर ओर डामर की बेढिय़ों में कैद
बेबस, दुखियारी देखा धरती को
हंसती-फूल बरसाती नहीं देखा धरती को
जब से शहर आया हूं।
---
सीमेंट-कांक्रीट में लिपटी है
जींस-पेंट में इठलाती नवयौवन हो जैसे
धानी चूनर में शर्माते,
बलखाते नहीं देखा धरती को
जब से शहर आया हूं।
गांव में ऊंचे पहाड़ से
दूर तलक हरे लिबास में दिखती वसुन्धरा
शहर में, आसमान का सीना चीरती इमारत से
हर ओर डामर की बेढिय़ों में कैद
बेबस, दुखियारी देखा धरती को
हंसती-फूल बरसाती नहीं देखा धरती को
जब से शहर आया हूं।
---
- लोकेन्द्र सिंह -
(काव्य संग्रह "मैं भारत हूँ" से)
छपास की बधाई! और अच्छी लगी कविताई... क्या से क्या बना दिया शहर कि इस धरती को मेरे भाई!!
जवाब देंहटाएंबधाई, भाई!
जवाब देंहटाएंसच ही तो है धरा की हरियाली तो जैसे खो गई है...केवल और केवल कंकरीट के जंगल बिखरे हैं
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत बधाई
लोकेन्द्र जी,
जवाब देंहटाएंमेरी बधाई स्वीकार करें !
कविता बहुत अच्छी लगी !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
बहुत खूब लोकेन्द्र जी ... शहर और गावं का फर्क समझा दिया आपकी इस लाजवाब रचना नें ... बहुत बहुत बधाई इसके प्रकाशन पर ....
जवाब देंहटाएंDear Lokesh Ji,
जवाब देंहटाएंIts a very nice poem.
We are just going to start a magazine on rural and developmental
issues, we will publish your poem in the magazine named--Legacy India
वाह ...शानदार कविता....बधाई लोकेन्द्र जी.
जवाब देंहटाएंसभी शुभचिंतको को धन्यवाद की उन्होंने मेरे काव्य प्रयास की सराहना की......
जवाब देंहटाएंसबका आभार....
हरेकृष्ण भाई ने मेल पर कहा-
जवाब देंहटाएंBAHUT KHOOB DOST
SHABASH
DIL KO CHHOONE WALI HAI KAVITA
lokendra singh rajput ji
जवाब देंहटाएंनमस्कार
आपकी कविता में पर्यावरण के प्रति सजगता झलकती है ........पूरी कविता सुंदर भाव लिए है ..........शुक्रिया
शहर में, आसमान का सीना चीरती इमारत से
जवाब देंहटाएंहर ओर डामर की बेढिय़ों में कैद
बेबस, दुखियारी देखा धरती को
हंसती-फूल बरसाती नहीं देखा धरती को
जब से शहर आया हूं।
...bahut sundar rachna....
साक्षात स्वदेश में ही पढ़ा. बधाई.
जवाब देंहटाएंVery interesting news.........
जवाब देंहटाएं