सशक्त नेतृत्व और संतुलित विकास के दो वर्ष
राजनीति में नेतृत्व परिवर्तन अकसर अनिश्चितता लेकर आता है, लेकिन मध्यप्रदेश में पिछले दो वर्षों ने साबित किया है कि यदि नेतृत्व में स्पष्टता और इच्छाशक्ति हो, तो परिवर्तन ‘विकास की नई गति’ का पर्याय बन जाता है। आज, जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण कर रहे हैं, तो पीछे मुड़कर देखने पर एक ऐसी सरकार की छवि उभरती है जिसने परंपरा, आधुनिकता, कल्याकारी योजनाओं और कठोर प्रशासनिक फैसलों के बीच एक बेहतरीन संतुलन साधा है। 13 दिसंबर, 2023 को जब डॉ. मोहन यादव ने सत्ता की बागडोर संभाली थी, तब उनके सामने ‘लाड़ली बहना’ जैसी लोकप्रिय योजनाओं को जारी रखने के साथ-साथ अपनी अलग पहचान बनाने की चुनौती थी। दो साल बाद, यह कहा जा सकता है कि उन्होंने न केवल अपनी ही पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाया, बल्कि शासन की एक नई, अधिक सख्त और परिणाम-मूलक शैली भी विकसित की है।





