बुधवार, 21 नवंबर 2018

बेटी के लिए कविता-6



हो गई चार साल की छोकरी 
बाँधकर चलती है बातों की पोटली। 


पोटली में बातें, रंग-बिरंगी सतरंगी
बातें खट्टी-मीठी, अदा नखराली। 



समय की जैसी मांग, हाजिर वैसी बात
मीठी बातों में लेकर तुम पोटने वाली।



पोटली में बातें, दुनिया जहान की
मैं सुनने वाला और तुम सुनाने वाली। 



छकपक-छकपक चलती बातों की रेल
सुबह से शाम तक, बेरोकटोक चलने वाली। 



पोटली में बातें, मतलब-बेमतलब
सुननी होंगी सब, लड़की ज़िद वाली। 



खजाने से भी कीमती ये पोटली 
मन बहलाये, बोली उसकी तोतली। 



मैं सुनता रहूं और तुम सुनाती रहो 
कभी न हो खाली, तुम्हारी ये पोटली। 
- लोकेन्द्र सिंह -

1 टिप्पणी:

  1. ऋष्वी को स्नेह व शुभकामनाएं और इतनी प्यारी बेटी के पिता होने की हार्दिक बधाई .

    जवाब देंहटाएं

पसंद करें, टिप्पणी करें और अपने मित्रों से साझा करें...
Plz Like, Comment and Share