पहले इन ताकतों ने यह सिद्ध करने के लिए पूरा जोर लगा लिया कि अयोध्या में श्रीराम का कोई मंदिर नहीं था। जब लगा कि इनके झूठ चल नहीं रहे तो न्यायालय में जाकर सुनवाई को टालने के प्रयास किए। इस काम में भी जब सफलता मिलती नहीं दिखी तो कहने लगे कि मंदिर की जगह अस्पताल या स्कूल बनाना चाहिए। परंतु, न्यायालय से लेकर समाज तक ने एकजुटता से राक्षसों की मंशा को पूरा नहीं होने दिया। जब सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के पक्ष में निर्णय दिया और वहाँ मंदिर निर्माण की प्रक्रिया आगे बढऩे लगी, तब इस ‘रामद्रोही वर्ग’ के कलेजे पर खूब सांप लौटे। मंदिर निर्माण में समाज के सहयोग और उत्साह को देखकर उन्हें बहुत पीड़ा हुई। जब रामभक्तों ने अपने प्रभु के भव्य मंदिर के लिए दिल खोलकर समर्पण किया, तब भी रामद्रोही वर्ग को बहुत कष्ट हुआ। उन्होंने उस समय भी भरपूर प्रयास किए कि लोग श्रीराममंदिर निर्माण के लिए दान न दें। लेकिन, समाज ने तब भी उनकी नहीं सुनी।
अधम गति को प्राप्त हो चुका यह वर्ग अभी भी बेशर्मी से श्रीराम मंदिर के पुनीत कार्य को बदनाम करने के प्रयासों में लगा हुआ है। इस पृष्ठभूमि से आप समझ गए होंगे कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कथित ‘जमीन घोटाले’ के पीछे कौन-सी मानसिकता एवं षड्यंत्र है। जिन्होंने यह प्रयास किए कि श्रीराम मंदिर के निर्माण के लिए लोग दान न दें, वे आज ‘रामधन’ को लेकर चिंतित होने की नौटंकी कर रहे हैं। जिन्होंने न्यायालय में हलफनामा दिया कि राम का कोई अस्तित्व नहीं है तथा राम काल्पनिक थे, वे आज ‘रामनाम’ ले रहे हैं। ऐसे में उनके पाखंड को समझना किसके लिए कठिन है। दरअसल, रामद्रोही वर्ग नहीं चाहता कि देश के स्वाभिमान से जुड़े पुनीत स्मारक का निर्माण निश्कलंक और निर्विघ्न सम्पन्न हो। वह अभी तक श्रीराम को स्वीकार नहीं कर सका है।
देखें - अयोध्या में मंदिर बनेगा धूम-धाम से :
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से श्रीमान चंपत राय जी ने समूची सच्चाई को प्रकट कर दिया है, लेकिन धूर्त अभी भी नहीं मानेंगे। क्योंकि उनका तो काम ही है, धूल का गुब्बार उड़ाकर लोगों के सामने धुंध उपस्थित करना और खुद दूर खड़े होकर तमाशा देखना। परंतु, वे भूल गए कि यह रामकाज है, यहाँ उनकी धूर्तता चलने वाली नहीं। जिन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण किया है, उन्हें भली प्रकार पता है कि उनकी एक-एक पाई का उपयोग ‘रामकाज’ में होगा। यह निश्चित है कि राष्ट्रनिर्माण के यज्ञ में विघ्न पैदा करने का काम कर रहीं राक्षसी मानसिकता कभी सफल नहीं हो सकती।
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण से जुड़े कथित ज़मीन घोटाले का सच जानने के लिए देखें ये समाचार :
जमीन बेचने वाले सुल्तान अंसारी ने कहा कि "राम के काम के लिए आधी कीमत पर बेची ज़मीन" |
इस तथाकथित रामद्रोही वर्ग का सर्वनाश होना जरूरी है।
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