गुरुवार, 7 नवंबर 2024

हिन्दुओं के हितों की चिंता में सबसे आगे हैं भाजपा-मोदी

हिन्दू मंदिर पर खालिस्तानी आतंकियों के हमले के विरुद्ध एकजुट होकर प्रदर्शन करता कनाडा का हिन्दू समाज

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति हिन्दू समाज में गहरा विश्वास है। इसका कारण है कि जब भी हिन्दू हित की बात आती है, हिन्दू समाज को भाजपा और मोदी अपने साथ खड़े दिखायी देते हैं। वहीं, अन्य पार्टियां हिन्दुओं के हितों की रक्षा के मामले में खुलकर बोलने से बचती हैं। उन्हें गाजा और फिलिस्तीन के मुसलमानों का दर्द तो अनुभव हो जाता है लेकिन बांग्लादेश से लेकर कनाडा तक उन्हें हिन्दुओं की दर्दनाक पुकार सुनायी ही नहीं देती है। अपने दुर्व्यवहार के लिए कुख्यात रोहिंग्याओं के समर्थन में भी उनके झंडे-पोस्टर दिखायी दे जाते हैं लेकिन निर्दोष हिन्दू समाज पर हो रहे हमले उन्हें दिखायी नहीं देते हैं। वहीं, भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी हिन्दुओं पर होनेवाले हमलों का आगे आकर विरोध करते हैं और हिन्दुओं की हिम्मत बनने का प्रयास करते हैं। 

हालिया मामला कनाडा का है, जहाँ कट्टरपंथी खालिस्तानियों ने हिन्दू मंदिर, महिलाओं एवं बच्चों पर हमला किया है। इस मामले में जहाँ विपक्षी दल स्पष्ट विरोध करने की जगह इधर-उधर की बातें कर रहे हैं, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि हिंसा के ऐसे कृत्य भारत के संकल्प को कभी कमजोर नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे ‘जानबूझकर किया गया हमला’ और ‘हमारे राजनयिकों को डराने का कायरतापूर्ण प्रयास’ करार दिया। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि कनाडा सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून का शासन बनाए रखेगी।

याद हो कि पिछले दिनों जब बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ और कट्टरपंथी समूहों ने हिन्दुओं पर हमले प्रारंभ किए तब भी प्रधानमंत्री मोदी ने खुलकर अपना प्रतिरोध जाहिर किया था। उससे पहले जब ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तानियों द्वारा हिन्दुओं पर हमले किए जा रहे थे, तब भी प्रधानमंत्री मोदी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए आगे आए। जिसका परिणाम यह हुआ कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को हिन्दुओं को आश्वासन देना पड़ गया था कि हमलावरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उसके बाद से ऑस्ट्रेलिया से हिन्दुओं पर हमले के समाचार आना बंद हो गए हैं। 

उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी की कठोर टिप्पणी के बाद कनाडा सरकार कुछ होश में आएगी और अपनी भारत विरोधी नीति को छोड़कर मानवाधिकारों की रक्षा करेगी। हालांकि यह भी सच है कि जब कट्टरपंथी तत्व हिन्दू मंदिर एवं श्रद्धालुओं पर हमला कर रहे थे, कनाडा का पुलिस प्रशासन मूक दर्शक की भाँति खड़ा देख रहा था। मानो, शासन की शह पर यह हमला किया जा रहा है। इस सबके बीच एक अच्छी बात यह है कि हमलों के विरुद्ध कनाडा का हिन्दू समाज एकजुट होकर सड़क पर उतर आया है। हिन्दुओं की यह एकजुटता उनकी रक्षा करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक साबित होगी। एकजुटता देखकर जस्टिन ट्रूडो के तेवर भी ढीले हो सकते हैं। 

याद रखें कि कि ट्रूडो सरकार की तुष्टीकरण की नीति का विरोध कनाडा में ही हो रहा है। कनाडा के एक पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘सामाजिक और राजनीतिक रूप से मूर्ख व्यक्ति’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रूडो कभी समझ ही नहीं पाए कि ज्यादातर सिख धर्मनिरपेक्ष हैं और वे खालिस्तान से कोई सरोकार नहीं रखना चाहते। नि:संदेह, जागरूक सिख समुदाय कभी भी खालिस्तान के विचार का समर्थक नहीं रहा है। सिख और हिन्दू तो आपस में घुल-मिलकर ही रहते हैं। आवश्यकता है कि भारतीय मूल के सभी समुदाय एकजुट होकर कट्टरपंथी समूहों का विरोध करें और उन्हें एकजुटता की ताकत का अहसाह कराएं।

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