भारतीय क्रिकेट टीम आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन खेल का प्रदर्शन कर रही है, लेकिन कांग्रेस की नेता डॉ. शमा मोहम्मद ने देश और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने की जगह भारतीय क्रिकेट दल के कप्तान रोहित शर्मा की सेहत को लेकर ओछी टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के शरीर को लेकर आपत्तिजनक एवं निंदनीय बयान दिया है। यही कारण है कि कांग्रेस ने तत्काल उनके बयान से किनारा किया। डॉ. शमा ने लिखा कि “रोहित शर्मा एक खिलाड़ी के तौर पर मोटे हैं। उन्हें वजन कम करने की जरूरत है। निश्चित रूप से यह भारत का अब तक का सबसे निराशाजनक कप्तान”। कोई भी सभ्य नागरिक किसी के शरीर को लेकर इस प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकता। दरअसल, ऐसा लगता है कि नफरत और नकारात्मकता की आग कांग्रेस के खेमे में इस हद तक फैल गई है कि उसके दायरे में अब केवल भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं है अपितु उसके निशाने पर कोई भी आ सकता है। कांग्रेस की प्रवक्ता की इस टिप्पणी के बाद उनकी जमकर आलोचना हो रही है। डॉ. शमा को भी मजबूरी में यह टिप्पणी हटानी पड़ी है। हालांकि अपनी ओछी एवं संकीर्ण मानसिकता के लिए उन्होंने अब तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं माँगी है। यह बताता है कि उन्होंने अपने नेताओं के दबाव में पोस्ट तो हटा ली लेकिन उनका मौलिक दृष्टिकोण नकारात्मक ही है।
एक अन्य पोस्ट में कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शमा लिखती हैं- “अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में रोहित शर्मा में ऐसा क्या विश्वस्तरीय है? वह एक औसत कप्तान होने के साथ-साथ एक औसत खिलाड़ी भी हैं, जिन्हें भारत का कप्तान बनने का सौभाग्य मिला”। बहरहाल, डॉ. शमा को पता होना चाहिए कि रोहित शर्मा न केवल बेहतरीन खिलाड़ी हैं अपितु उनकी कप्तानी में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। किसी खिलाड़ी की योग्यता को उसके रूप-रंग और शरीर की बनावट के आधार पर नहीं अपितु उसकी उपलब्धियों एवं आंकड़ों के देखना चाहिए।
रोहित शर्मा दुनिया के उन गिने-चुने बल्लेबाजों में हैं, जिन्होंने अपने देश के लिए सबसे अधिक बार शतक लगाए हैं। एक दिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक शतक बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में 32 शतक लगाकर रोहित शर्मा तीसरे स्थान पर हैं। सभी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में सर्वाधिक शतक लगाने के मामलों में वह दसवें स्थान पर हैं। एक दिवसीय मुकाबले में अपनी टीम के लिए सबसे अधिक दोहरे शतक (3) लगाने का कीर्तिमान भी उनके नाम है। एक दिवसीय क्रिकेट के विश्व कप में सबसे अधिक शतक (5) लगाने का अद्भुत कीर्तिमान भी उनके नाम है। एक दिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक छक्के लगाने का कीर्तिमान भी उनके नाम है। वे तेजी से रन बनाकर भारतीय टीम को प्रतिद्वंद्वी टीम के मुकाबले आगे लेकर जाते हैं। निडर होकर खेलने का अंदाज उन्हें बाकी सबसे अलग करता है। इसके अलावा और भी कई उपलब्धियां हैं, जो उन्हें विश्व के बेहतरीन खिलाड़ियों में शुमार कराते हैं।
एक कप्तान के तौर पर भी वे अब तक के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उनकी कप्तानी में भारत बिना कोई मैच हारे एक दिवसीय क्रिकेट के विश्व कप में अंतिम मुकाबले तक पहुँची। वर्ष 2024 में टी-20 का विश्व कप उनकी कप्तानी में ही जीते हैं। अब तक रोहित शर्मा ने 140 मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें भारत ने 101 मैच जीते हैं। जबकि भारत को 33 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा 3 मैच ड्रॉ रहे हैं। रोहित शर्मा के रिकॉर्ड पर नजर डाले तो आईसीसी की प्रतियोगिताओं में उन्होंने 92.8 प्रतिशत मैचों में जीत हासिल की है। उनके बाद दूसरे नंबर पर रिकी पोंटिंग हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 88.3 प्रतिशत मैच जिताए हैं। वहीं, महान खिलाड़ी क्लाइव लॉयड ने 88.2 प्रतिशत मैचों में वेस्टइंडीज को जिताया है। यह सब उपलब्धियां देखे बिना किसी के शरीर को आधार बनाकर ओछी टिप्पणी करना नकारात्मक मानसिक अवस्था को प्रदर्शित करता है।
किसी भी क्षेत्र में देश के लिए बेहतर करने का जज्बा रखनेवाले प्रतिभावान लोगों का सम्मान कैसे बढ़ाया जाता है, उनका हौसला कैसे बढ़ाया जाता है, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को यह बात भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीखनी चाहिए। जब भारतीय क्रिकेट टीम 2023 में एक दिवसीय क्रिकेट का विश्वकप हार गई, तब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को कमजोर नहीं होने दिया। उनका हौसला बढ़ाया। जिसका परिणाम रहा कि भारत की टीम बहुत जल्दी एक बड़ी हार से उबर आई और 2024 में टी-20 क्रिकेट में विश्व विजेता बनकर भारत का परचम फहरा दिया।