भारत को महान बनाने में महापुरुषों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे समाज को जब जिस प्रकार के विचारों की आवश्यकता रही, तब उसका प्रबोधन करने के लिए वैसे महापुरुषों का आगमन होता रहा है। हमारे महापुरुषों ने अपना संपूर्ण जीवन समाज जीवन को दिशा देने के लिए समर्पित किया है। उनके विचार और उनका व्यवहार आज भी हमें सद् मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। इसलिए अपने महापुरुषों का सतत् स्मरण आवश्यक है। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत कथन उल्लेखनीय है। उन्होंने विजयादशमी के उत्सव (12 अक्टूबर, 2024) पर महापुरुषों के जीवन को स्मरण करते हुए कहा था कि "प्रामाणिकता और नि:स्वार्थ भावना से देश, धर्म, संस्कृति व समाज के हित में जीवन लगा देने वाली विभूतियों को हम इसलिए स्मरण करते हैं क्योंकि उन्होंने हम सबके हित में कार्य किया है तथा अपने स्वयं के जीवन से अनुकरणीय जीवन व्यवहार का उत्तम उदाहरण उपस्थित किया है। अलग-अलग कालखंडों, कार्यक्षेत्रों में कार्य करने वाले इन सबके जीवन व्यवहार की कुछ समान बातें थीं। निस्पृहता, निर्वैरता व निर्भयता उनका स्वभाव था। संघर्ष का कर्तव्य जब-जब उपस्थित हुआ, तब-तब पूर्ण शक्ति के साथ, आवश्यक कठोरता बरतते हुए उसे निभाया। वे कभी भी द्वेष या शत्रुता पालने वाले नहीं बने। उनकी उपस्थिति दुर्जनों के लिए धाक व सज्जनों को आश्वस्त करने वाली थी। परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल, व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय चारित्र्य की ऐसी दृढ़ता ही मांगल्य व सज्जनता की विजय के लिए शक्ति का आधार बनती है"।
यह कितना सुखद संयोग है कि वर्ष 2024 में एक साथ कई महापुरुषों के स्मरण का प्रसंग बन रहा है। आइए जानते हैं कि 2024 में किन विभूतियों की विशेष जन्म जयंतियां पड़ रही हैं....