- लोकेन्द्र सिंह -
पुलवामा हमले पर भारत की ओर से पाकिस्तान और उसके संरक्षण में पल रहे आतंकी गिरोहों को सर्जिकल स्ट्राइक-2 से मुंह तोड़ जवाब दिया गया है। पाकिस्तान और आतंकी गिरोहों को भारत के इस जवाब से सबक सीख लेना चाहिए। उन्हें यह बात गाँठ बांध लेनी चाहिए कि यह नया भारत है। यह सिर्फ सबूत ही नहीं सौंपता, बल्कि दोषियों पर कार्रवाई भी करता है। यह दूसरा अवसर है जब नये भारत ने पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर में घुसकर आतंकियों को मार गिराया है। बल्कि इस बार तो भारतीय सेना ने पाकिस्तान के घर (बालाकोट) में घुसकर उसके पालतू आतंकियों को जहन्नुम पहुँचाया।
उरी हमले के बाद भी भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाया था। लेकिन, भारत को हजार घाव देने का ख्वाब देखने की आदत से पीडि़त पाकिस्तान और आतंकी गिरोह बाज नहीं आए। वह पुलवामा में सुरक्षा बल पर आत्मघाती हमला करने की बड़ी गलती कर बैठे। दृढ़ इच्छाशक्ति और साहसिक कदम उठाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसी दिन भारतीय सेना के साथ खड़े हो गए। उन्होंने बार-बार देश की जनता को भरोसा दिलाया कि इस हमले की कीमत पाकिस्तान और आतंकी गिरोहों को चुकानी पड़ेगी। इधर, प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से बने अंतरराष्ट्रीय दबाव ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया और उधर सीमा पार आतंकी शिविरों पर भारतीय वायुसेना ने जोरदार हमला बोल कर अपने शौर्य का परिचय दिया।
भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविरों को तबाह कर दिया। इस हमले में बड़ी संख्या में आतंकवादियों एवं उनके प्रशिक्षकों को मार गिराया गया। भारतीय सेना ने उरी का बदला 10 दिन में लिया था, तो पुलवामा का प्रतिशोध 12 दिन में। इस बार की कार्रवाई पहले से भी अधिक बड़ी रही। सेना को जब खुली छूट मिलती है, तब दुश्मनों का बचना संभव नहीं होता। वह किसी भी बिल में छिपे हों, भारतीय योद्धा उन्हें सही ठिकाने पर पहुँचा देते हैं।
पाकिस्तान को अब यह समझ लेना चाहिए कि जब भी वह भारत को कोई घाव देने का प्रयास करेगा तब हर बार उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यदि पाकिस्तान या आतंकी गिरोह अब किसी प्रकार के पलटवार की सोच रहे हैं, तो उन्हें अपने इरादे बदल लेने चाहिए। अन्यथा और भयंकर परिणाम के लिए तैयार रहें। यह भारत की सेना है, जिसे सरकार का भरपूर समर्थन प्राप्त है। इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यदि पाकिस्तान की सेना कोई गलती करती है, तब फिर उसे भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। भारतीय वायुसेना ने योजनापूर्वक यह हमला किया है। अच्छी बात यह है कि इस हमले में आम नागरिकों को कोई हानि नहीं हुई है। जबकि पाकिस्तान की धरती से होने वाले हमलों में अकसर आम नागरिकों को निशाना बनाया जाता है। यह भारतीय सेना और पाकिस्तानी सेना की सोच के अंतर को दर्शाता है।
पुलवामा आतंकी हमले में 40 से अधिक भारत माँ के सपूतों को खोने के बाद से देशभर से लगातार प्रतिशोध की आवाज उठ रही थीं। वहीं, पाकिस्तान आतंकी गिरोह पर कार्रवाई करने की जगह हमेशा की तरह सबूत माँगने की नौटंकी कर रहा था। ऐसी स्थितियों में पाकिस्तान के कब्जे की भूमि पर पल रहे आतंकियों के विरुद्ध इस प्रकार की कार्रवाई की आवश्यकता थी। इस कार्रवाई के बाद देश में एक भरोसा बना है कि 'मोदी है तो मुमकिन है'। देश की जनता को भरोसा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है तो वह होकर रहेगी और वही हुआ भी। देश को इसी प्रकार की मजबूत इरादों वाले नेतृत्व की सदैव जरूरत रहती है। निश्चित ही यह कार्रवाई भारत के दुश्मनों के मन में खौफ उत्पन्न करेगी और जवानों के जोश को बढ़ाएगी।
आपकी ब्लॉग पोस्ट को आज की ब्लॉग बुलेटिन प्रस्तुति 88वां बलिदान दिवस - पंडित चंद्रशेखर आजाद जी और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। एक बार आकर हमारा मान जरूर बढ़ाएँ। सादर ... अभिनन्दन।।
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