भारतीय संस्कृति के प्रमुख दर्शनों में से एक है- "सांख्य दर्शन"। महाभारतकार वेद व्यास ने कहा है कि "ज्ञानं च लोके यदिहास्ति किंचित् सांख्यागतं तच्च महन्महात्मन्" (शांति पर्व 301.109)। इसका अर्थ है- इस संसार में जो कुछ भी ज्ञान है, सब सांख्य से आया है। शान्ति पर्व के कई स्थलों पर सांख्य दर्शन के विचारों का बड़े काव्यमय और रोचक ढंग से उल्लेख किया गया है।
इस महत्वपूर्ण ग्रन्थ की रचना अमरकंटक में नर्मदा तट के किनारे पर कपिल मुनि ने की है। कपिल मुनि और सांख्य दर्शन से जुड़े उस स्थान को देखने के लिए यह वीडियो देखें...
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