दोस्ती क्या है?
उसे कुछ यूं समझें...
वह पहला रिश्ता है
रक्त संबंधों से इतर
लेकिन, उतना ही या
शायद उनसे अधिक गहरा।
दोस्ती क्या है?
उसे कुछ यूं समझें...
पहली बारिश के बाद
भुरभुरी मिट्टी से उठी
सौंधी सुगंध-सा या
शायद उससे भी ऊंचा अहसास।
दोस्ती क्या है?
उसे कुछ यूं समझें...
सूरज के डूबने के बाद
धरा पर अंधेरे से लड़ती
दीपक की ज्योति-सा या
शायद उससे भी तेज प्रकाश।
दोस्ती क्या है?
उसे कुछ यूं समझें...
वह एकमात्र तिजोरी है
उसके दिल में राज हमारा
सुरक्षा की पूरी गारंटी या
शायद उससे भी पक्का विश्वास।
- लोकेन्द्र सिंह -
(काव्य संग्रह "मैं भारत हूँ" से)
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इस कविता का आनंद मराठी में भी ले सकते हैं... मराठी में अनुवाद किया है, आपला यश की संपादक अपर्णा पाटिल जी ने और उसे बोल दिए हैं अनिल वल्संगकर जी ने
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, हैप्पी फ्रेंड्शिप डे - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंसुन्दर
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