'तू जा चाय बेच... ' कह कर कांग्रेस ने किसका अपमान किया?
प्र धानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर कांग्रेसी नेताओं के मन में किस प्रकार के भाव हैं, यह एक बार फिर प्रकट हो गया है। गुजरात में जारी चुनाव प्रचार के बीच यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन के ट्विटर हैंडल से बहुत आपत्तिजनक फोटो (मीम) जारी किया है। यूथ कांग्रेस की ऑनलाइन मैगजीन के ट्विटर हैंडल 'युवा देश' के जरिए पोस्ट किए गए मीम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चायवाला बताकर उनका मजाक बनाया गया था। इस मीम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेजा की तस्वीर है। तस्वीर पर काल्पनिक संवाद लिखे गए हैं। मीम में ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेजा से मोदी को कहलवाया गया है- 'तू जा चाय बेच।'
कांग्रेस की इस टिप्पणी के पीछे कई मनोभाव छिपे हैं। एक, कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से घृणा की हद तक नफरत करती है। दो, वह समाज को छोटे-बड़े में बाँट कर देखती है। उसकी नजर में चायवाला बहुत ही छोटा काम है, उसकी नजर में चायवालों की कोई इज्जत नहीं। कांग्रेस चाय के व्यवसाय को हिकारत की नजर से देखती है। चूँकि नरेन्द्र मोदी गरीब परिवार से हैं और उन्होंने बचपन में चाय बेची है, इसलिए कांग्रेस उनको अब तक प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पाई है। उसकी सोच है कि चाय बेचने वालों को चाय ही बेचनी चाहिए, देश का नेतृत्व करने का उनको अधिकार नहीं। तीन, कांग्रेस गरीब विरोधी है। चार, सत्ता पर वह नेहरू-गांधी खानदान का कब्जा समझती है। कांग्रेस के नेता यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है कि सत्ता के सिंहासन पर गांधी-नेहरू परिवार के अलावा या उनकी कृपा के बिना कोई गरीब चायवाला बैठ सकता है।
गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने इस प्रकार की नकारात्मक टिप्पणी करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है। क्योंकि, यह राजनीतिक विरोध का तरीका नहीं है। एक तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि वह और उनकी पार्टी के नेता प्रधानमंत्री पद का पूरा सम्मान करते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का कभी निरादर नहीं किया। वह प्रधानमंत्री पद की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हैं। वहीं, दूसरी तरफ यूथ कांग्रेस के अधिकृत ट्वीटर हैंडल से प्रधानमंत्री पद की गरिमा को ताक पर रखकर मीम जारी किए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस प्रकार का यह पहला मीम कांग्रेस ने जारी किया है। इससे पहले भी 'युवा देश' ट्वीटर हैंडल से चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का आपत्तिजनक कार्टून जारी किया गया है। इसमें मोदी कह रहे हैं कि विकास के लिए 22 साल काफी नहीं थे, हमें एक मौका और चाहिए। प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर व्यंग्य करने के लिए इसी मीम में एक लड़की के माध्यम से जो टिप्पणी की गई है, वह अमर्यादित है। इससे पहले कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह और यूपीए सरकार में मंत्री रहे मनीष तिवारी भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध करते समय भाषा की समूची मर्यादा तोड़ चुके हैं। स्वयं राहुल गांधी उन्हें 'खून का दलाल' और सोनिया गांधी 'मौत का सौदागर' कह चुकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाय बेचने की सलाह देते समय 'युवा कांग्रेस' भूल गई कि उनके वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने भी आम चुनाव-2014 से पूर्व कांग्रेस अधिवेशन में नरेन्द्र मोदी को 'चाय का स्टॉल' लगाने का प्रस्ताव दिया था। परिणाम क्या रहा- आज कांग्रेस के पास उतने भी सांसद नहीं हैं, जितने एक चाय के ठेले के इर्द-गिर्द चाय के दीवाने खड़े होते हैं। नरेन्द्र मोदी का बचपन संघर्ष में बीता है। गरीबी को उन्होंने नजदीक से न केवल देखा है, बल्कि भोगा भी है। प्रधानमंत्री मोदी के चाय बेचने पर तंज कसना, सिर्फ उनकी गरीबी का उपहास करना नहीं है, बल्कि देश के लाखों-करोड़ों गरीब चायवालों का मजाक बनाना है। चाय बेचने के काम के प्रति घृणा का भाव प्रकट करके कांग्रेस ने अपनी ओछी सोच का प्रदर्शन किया है। कांग्रेस को समझना चाहिए कि काम कोई भी हो, छोटा या बड़ा नहीं होता। प्रत्येक काम का अपना महत्व है। चाय बेचने वाला भी उतने ही सम्मान का अधिकारी है, जितना हीरा व्यापारी। इसलिए कांग्रेस को दंभ नहीं दिखाना चाहिए। लोकतंत्र में सब बराबर हैं, सबको समान अधिकार और अवसर हैं।
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