tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post6945821143346915467..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: मार्क्स-लेनिन जाएं भाड़ मेंलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-32393765828209660962012-04-24T11:45:20.332+05:302012-04-24T11:45:20.332+05:30बड़े-बड़े विषधरों से निजात पाने के लिए जम कर लड़ना ...बड़े-बड़े विषधरों से निजात पाने के लिए जम कर लड़ना पड़ता है। देश को सेंध लगा रही व्यवस्था के खिलाफ ममता बनर्जी के प्रयास एवं निर्णय सराहनीय हैं। Hats off to Mamta Banerjee in this regard.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-65726377791454705962012-04-23T21:07:38.647+05:302012-04-23T21:07:38.647+05:30जिस कम्युनिज्म की अर्थी उसके जन्म स्थान से ही उठ ग...जिस कम्युनिज्म की अर्थी उसके जन्म स्थान से ही उठ गई, उसे भारत में दुल्हन की तरह रखा गया। रूस में मार्क्सवाद का प्रारंभ भीषण नरसंहार, नागरिकों की हत्याओं, दमन और सैनिक गतिविधियों से हुआ। १९९१ में इसका अंत व्यापक भ्रष्टाचार, आर्थिक कठिनाइयों और देशव्यापी भुखमरी के रूप में हुआ। ऐसे कम्युनिज्म का भारत में बने रहने का कोई मतलब नहीं है। ममता बनर्जी की तरह औरों को भी आगे आना होगा। <br />प्रिय लोकेन्द्र जी सटीक वक्तव्य आप का ...ज्योति बाबू के हटने के बाद तो असर पड़ा है अब ममता जी आई है ...असर दिखने लगा है ....जाना तो होगा ही ..<br />मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आभार अपना समर्थन व् स्नेह बनायें रखें <br />भ्रमर ५ <br />भ्रमर का दर्द और दर्पणSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-80877367152499087202012-04-22T00:14:20.886+05:302012-04-22T00:14:20.886+05:30सतीश जी बहुत बहुत धन्यवाद... आपका स्नेह बना रहे......सतीश जी बहुत बहुत धन्यवाद... आपका स्नेह बना रहे...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-51957597550176127522012-04-22T00:13:20.965+05:302012-04-22T00:13:20.965+05:30आपका आभार विक्रम जीआपका आभार विक्रम जीलोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-35027884450806009172012-04-21T18:31:34.047+05:302012-04-21T18:31:34.047+05:30bangaal se to gaye par mamata jii puurii mamata ke...bangaal se to gaye par mamata jii puurii mamata ke saath janata ke jakhmo ko bhar de , jisase inakii vaapasii n ho sake,aapakii lekhn saeli se prabhaavit huaa .shubhakaamanaayevikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-75333700988775797042012-04-21T18:22:31.401+05:302012-04-21T18:22:31.401+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-41855766928967836722012-04-18T08:46:07.647+05:302012-04-18T08:46:07.647+05:30@ हम अपनी रूचि के अनुसार किसी विषय क्षेत्र में प...@ हम अपनी रूचि के अनुसार किसी विषय क्षेत्र में प्रविष्ट होते है....<br /><br />अपने आप में सम्पूर्ण लेख, आपको पढ़ कर प्रभावित हुआ ! <br />इस विषय पर , कम शब्दों में, सही व्याख्यित करना शायद बहुत दुष्कर है , आप अपनी बात समझाने में सफल रहे हैं !<br />यह सच है कि आतंक और दवाब अधिक समय तक नहीं टिकते ...<br />आपकी कलम को शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-65582647287277315332012-04-16T15:09:46.403+05:302012-04-16T15:09:46.403+05:30bahut hi deep vichaar,,,bahut hi deep vichaar,,,Ruchi Jainhttps://www.blogger.com/profile/13565145854196414405noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-30493198989251257572012-04-15T23:12:42.330+05:302012-04-15T23:12:42.330+05:30आखिर हम गांधी, सुभाष, दीनदयाल, अरविन्द, विवेकानन्द...आखिर हम गांधी, सुभाष, दीनदयाल, अरविन्द, विवेकानन्द, लोहिया और अन्य भारतीय महापुरुषों, चिंतकों और राजनीतिज्ञों की कीमत पर मार्क्स और लेनिन को क्यों पढ़े?<br />आपने इस आलेख में मेरे मन की बात लिखी है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-70478669050980858902012-04-15T15:17:23.762+05:302012-04-15T15:17:23.762+05:30सुमित जी धन्यवाद....सुमित जी धन्यवाद....लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-73387906722317434832012-04-15T09:51:53.248+05:302012-04-15T09:51:53.248+05:30कम्यूनिज़्म आज के दौर में अप्रासंगिक है।
आपके विच...कम्यूनिज़्म आज के दौर में अप्रासंगिक है।<br /><br />आपके विचारों से सहमत।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-21689505477106026262012-04-14T21:46:43.854+05:302012-04-14T21:46:43.854+05:30लोकेन्द्र जी कृपया लेख एक बार प्रूफ रीडिंग कर लीजि...लोकेन्द्र जी कृपया लेख एक बार प्रूफ रीडिंग कर लीजिएगा... शुक्रियाSumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/15273939385392567417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-2719299494187081672012-04-14T21:45:55.554+05:302012-04-14T21:45:55.554+05:30कम्युनिस्टों की वास्तविकता दर्शाता एक सार्थक लेख.....कम्युनिस्टों की वास्तविकता दर्शाता एक सार्थक लेख...Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/15273939385392567417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-66436448141160493362012-04-13T20:05:37.114+05:302012-04-13T20:05:37.114+05:30आपके इतने तथ्यपरक आलेख और अनुराग जी की टिप्पणी के ...आपके इतने तथ्यपरक आलेख और अनुराग जी की टिप्पणी के बाद कुछ भी नहीं कहने को!! पूर्ण सहमति मेरी भी!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-77561460063783231422012-04-13T18:39:13.193+05:302012-04-13T18:39:13.193+05:30डॉक्टर साहब आपको भी बैशाखी की शुभकामनाएँ.... चर्चा...डॉक्टर साहब आपको भी बैशाखी की शुभकामनाएँ.... चर्चा मंच पर इस लेख को जगह देने के लिए धन्यवाद...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-66458586402015912652012-04-13T13:08:53.723+05:302012-04-13T13:08:53.723+05:30वामपंथ की नौटंकी जल्द से जल्द देश से समाप्त होनी च...वामपंथ की नौटंकी जल्द से जल्द देश से समाप्त होनी चाहिए,इसके लिए ममता जी को बधाई,...बेहतरीन पोस्ट...<br /><br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/blog-post_11.html#comment-form" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-38018894961647792892012-04-13T10:50:47.879+05:302012-04-13T10:50:47.879+05:30हर कोई आज यही अपेक्षा रख रहा है कि यह वामपंथ की न...हर कोई आज यही अपेक्षा रख रहा है कि यह वामपंथ की नौटंकी जल्द से जल्द इस देश से पूर्ण रूप से गायब हो !<br /><br />इनकी पोल इनके २० वें कालीकट अधिवेशन में भी खुलकर सामने आ गयी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-23541856984979495972012-04-13T10:23:35.156+05:302012-04-13T10:23:35.156+05:30बहुत खूब....ठीक कहा आपने कि अगर ये काम भाजपा ने कि...बहुत खूब....ठीक कहा आपने कि अगर ये काम भाजपा ने किया होता तो आज सारे शर्म-निरपक्षों के सर पर एक-एक आसमां होता. ऐसे रो रहे होते जैसे बेटा मर गया हो. इस मामले में ममता बनर्जी का अभिनन्दन.पंकज कुमार झा.https://www.blogger.com/profile/00871035880818959043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-82540042440090207992012-04-13T08:05:22.944+05:302012-04-13T08:05:22.944+05:30लाना चाहो मार्क्स तो, पढ़ना मार्क्स विचार ।
बम-बम ...लाना चाहो मार्क्स तो, पढ़ना मार्क्स विचार ।<br /><br />बम-बम से करते घृणा, हरदम बम से प्यार ।<br /><br />हरदम बम से प्यार, जुल्म की हदें पार की । ।<br /><br />मिटे पुराने केंद्र, बधाई बंग हार की ।<br /><br />चले अंध सरकार, चीन से जड़ें मिटाना ।<br /><br />तिब्बत का दे साथ, ख़ुशी दुनिया में लाना ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-38518716515594856952012-04-13T06:53:18.205+05:302012-04-13T06:53:18.205+05:30@जिस कम्युनिज्म की अर्थी उसके जन्म स्थान से ही उठ ...@जिस कम्युनिज्म की अर्थी उसके जन्म स्थान से ही उठ गई, उसे भारत में दुल्हन की तरह रखा गया। रूस में मार्क्सवाद का प्रारंभ भीषण नरसंहार, नागरिकों की हत्याओं, दमन और सैनिक गतिविधियों से हुआ। १९९१ में इसका अंत व्यापक भ्रष्टाचार, आर्थिक कठिनाइयों और देशव्यापी भुखमरी के रूप में हुआ।<br /><br />लगता है राजनीतिक प्रोपेगैंडा भी कम्युनिस्टों के लिये उतना ही ज़रूरी है जितना कि तानाशाही व्यवस्था। कम्युनिज़्म के बारे में पढाते समय संसारभर के उन करोड़ों निर्दोष जानों के बारे में भी पढाया जाना चाहिये जो कम्युनिज़्म के नाम पर केवल इसलिये ले ली गयीं क्योंकि वे ग़रीब मज़दूर तानाशाही नहीं बल्कि विकास, सुशासन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की उम्मीद रखे बैठे थे। खैर एक काले अध्याय का अंत हुआ। ले दे कर चीन और उसके कब्ज़े मे तिब्बत अभी बचे हुए हैं, वहाँ भी जनता तानाशाहों को बहुत दिन तक नहीं झेलने वाली।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com