tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post5486853902108225243..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: त्वरित न्यायलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-83970952840651816392017-12-29T09:55:28.897+05:302017-12-29T09:55:28.897+05:30आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ’एक पर एक ग्यारह - ...आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2017/12/blog-post.html" rel="nofollow">’एक पर एक ग्यारह - ब्लॉग बुलेटिन’</a> में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/16515288486352839137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-83378351655990582492017-12-28T16:21:47.866+05:302017-12-28T16:21:47.866+05:30दंड का भय ही तो नहीं रहता राक्षसी प्रवृति वालों को...दंड का भय ही तो नहीं रहता राक्षसी प्रवृति वालों को, ऊपर से पेचीदा कानूनी दाव पेंच, अपराधी को बचाने वालों की लम्बी फेहरिस्त और जुगाड़-तुगाड कर छूट जाना, पीड़ित और परिवार को धमकाना, मारपीट करना, कराना .. बड़ी बिडम्बना है <br />चिंतनशील प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com