tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post4728026822440059395..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: समान अधिकार और सम्मान चाहिए, विशेषाधिकार नहींलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-85168622186385155132013-03-13T03:01:08.698+05:302013-03-13T03:01:08.698+05:30अंशुमाला जी मैंने नहीं कहा कि धूप से बचने के लिए आ...अंशुमाला जी मैंने नहीं कहा कि धूप से बचने के लिए आँखों पर चश्मा लगाना किसी लड़की के लिए गलत है... न ही मैंने इसे आधुनिकता की निशानी बताया, दरअसल जो मुझे दिख वह मैंने लिखा है अब वो लड़की आधुनिक थी या पिछड़ी मुझे नहीं पता. वैसे भी दिखने से आधुनिक मैं किसी को मानता नहीं विचारों से आधुनिक और पिछड़ा मानता हूँ. और हाँ लड़के के सन्दर्भ में लिखना होगा तो लिखूंगा वैसा ही जैसा वो होगा. इधर मध्यप्रदेश में तो अभी भी सब जगह लाइन ही लगती है चाहे वो बैंक ही क्यों न हो... <br />अच्छा लगा अपने अपना पक्ष साफगोई से रखा. आपके विचार का स्वागत है. लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-2696548199198504712013-03-13T02:52:02.254+05:302013-03-13T02:52:02.254+05:30धन्यवाद रवि जी धन्यवाद रवि जी लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-32692785045618201962013-03-12T15:48:45.377+05:302013-03-12T15:48:45.377+05:30लड़कियों को आगे बढाने के लिए क्या क्या किया जाना चा... लड़कियों को आगे बढाने के लिए क्या क्या किया जाना चाहिए उससे सहमत , किन्तु समाज में आधुनिक लड़की के प्रति लोगो की क्या गलतफहमी है उस को देखिये , <br /><br />@ आंखों पर धूप का चश्मा "चढ़ाए" हुए <br /><br />ये आप ने लिखा है शब्द बहुत छोटा है सामान्य सी बात ही लिखी है , हो सकता है आप ने लेख को चटपटा बनाने भर के लिए ही लिख दिया है किन्तु आप ने आधुनिक लड़की का एक गलत रूप दिखाने का प्रयास किया है सवाल ये की क्या घुप का चश्मा लगाना आधुनिकता है क्या लड़कीयो को ये नहीं लगाना चाहिए क्या ये फैशन की निशानी है , ज्यादातर लोग लड़कियों को लेकर ऐसी ही सोच रखते है । क्या किसी लडके की आधुनिकता का बयान करना हुआ तो ये शब्द लिखे जायेंगे । आप ये न सोचे की मै एक छोटी सी बात को लेकर बाढा चढ़ा रही हूँ मै बस ये बताने का प्रयास कर रही हूँ की कैसे हम सभी में ( आप में और मुझ में भी ) लड़कियों को लेकर ऐसे छोटे छोटे कितनी ही भ्रान्तिया फैली है , जो हम मन में रखते है और हमें पता ही नहीं चलती है की ऐसी बातो से हम लड़कियों और लड़को में फर्क कर रहे है , धुप से बचने के लिए किये गए उपाय में भी हम कुछ और देख रहे है , माडलिंग और बाजारवाद का असर सिर्फ लड़कियों के बदन तक नहीं है ये लड़को के भी कपडे उतार रहा है किन्तु चढ़ा हम बस लड़कियों के कपड़ो की ही करते है कभी लड़को के फैशन सेन्स और कम होते कपड़ो की बात नहीं करते है । <br /><br />लड़किया कोई भी विशेषाधिकार नहीं चाहती है , यहाँ मुंबई में आइये आप को कभी भी लड़किया ट्रेन बस किसी भी टिकट की लाईन में आगे नहीं जाती है क्योकि उन्हें लाईन में खड़े होने पर पीछे से किसी पुरुष के धक्के और बदमीजी का डर नहीं होता है , केवल छोटे बच्चो वाली अकेली माँ को ये सुविधा सभी लोग अपनी तरफ से देते है वो भी जब बहुत भीड़ हो तब । बैंको में तो नंबर मिलता है अपने नंबर से पहले कोई जा ही नहीं सकता है ।anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-33553993771361849272013-03-12T12:02:15.995+05:302013-03-12T12:02:15.995+05:30बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति...बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी.बेह्तरीन अभिव्यक्ति !शुभकामनायें.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-10088026158275378612013-03-12T11:44:38.854+05:302013-03-12T11:44:38.854+05:30बाजार बाद ने नारी को बिकाऊ बना दिया ,आप भी मेरे ...बाजार बाद ने नारी को बिकाऊ बना दिया ,आप भी मेरे ब्लोग्स का अनुशरण करें ,ख़ुशी होगी<br />latest post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/03/blog-post_11.html#links" rel="nofollow">अहम् का गुलाम (भाग तीन )</a><br />latest post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/03/blog-post_8.html#links" rel="nofollow">महाशिव रात्रि</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-83688313018460849872013-03-12T11:41:37.288+05:302013-03-12T11:41:37.288+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-7127609319333053102013-03-12T09:21:12.125+05:302013-03-12T09:21:12.125+05:30सही कहा है !!सही कहा है !!पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-3376180370054835902013-03-12T07:50:41.122+05:302013-03-12T07:50:41.122+05:30विशेष अधिकार नहीं , समान अधिकार और वह भी सम्मान के...विशेष अधिकार नहीं , समान अधिकार और वह भी सम्मान के साथ !<br />सही !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-14072077655413580162013-03-12T07:48:31.874+05:302013-03-12T07:48:31.874+05:30नारीवादी सोच की दिशा सही रहेगी तो ही सार्थक सिद्ध ...नारीवादी सोच की दिशा सही रहेगी तो ही सार्थक सिद्ध होगी..... सधा हुआ लेख डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-68477109901030265502013-03-11T23:47:54.769+05:302013-03-11T23:47:54.769+05:30सिद्ध होता है कि मल्टीप्लेक्स में जाकर लोग लुगाईया...सिद्ध होता है कि मल्टीप्लेक्स में जाकर लोग लुगाईयां पते की बात करते हैं :)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-44274900173907161442013-03-11T18:52:07.658+05:302013-03-11T18:52:07.658+05:30sahi keh rahe hain lokendra ji........ hak mangne ...sahi keh rahe hain lokendra ji........ hak mangne se nahi milta use kai bar chhinna padta hai...meri najar mai yahi ho sakta hai samasya ka samadhan ki ab upkar nahi hak chahiye apna.de sakte ho to do nahi to hum le lenge kisi bhi hal mai<br />Ritu Saxenahttps://www.blogger.com/profile/06078068878807815001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-48646728986585980172013-03-11T17:58:09.434+05:302013-03-11T17:58:09.434+05:30आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।... आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर ।। <br /><br />रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-52813536891825913722013-03-11T17:57:35.614+05:302013-03-11T17:57:35.614+05:30आपके विचारों से सहमत हूँ...आपके विचारों से सहमत हूँ...Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-63770467736719483132013-03-11T17:32:39.573+05:302013-03-11T17:32:39.573+05:30सहमत ... उस पर भरोसा करना सीखना ही होगा ...सहमत ... उस पर भरोसा करना सीखना ही होगा ...Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-34147018402429250632013-03-11T17:24:39.675+05:302013-03-11T17:24:39.675+05:30100% well said.100% well said.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-13005860012709487142013-03-11T16:00:37.065+05:302013-03-11T16:00:37.065+05:30बहुत बढ़िया विश्लेषण-
सटीक उदहारण-
तर्कों में दम-
श...बहुत बढ़िया विश्लेषण-<br />सटीक उदहारण-<br />तर्कों में दम-<br />शुभकामनायें-रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-54059763441272251022013-03-11T15:39:58.842+05:302013-03-11T15:39:58.842+05:30क्या लिखूँ यहाँ ये ही सोच नहीं पा रही हूँ ...पर इत...क्या लिखूँ यहाँ ये ही सोच नहीं पा रही हूँ ...पर इतना जानती हूँ की आपका लेख १००% सत्य पर आधारित है ....आज के वक्त में सही मायने में ये ही सोच और ऐसी ही नारी बन के रह गई है (सिर्फ और सिर्फ बाजारवाद )उसकी अपनी अहमियत आधुनिक आवरण में खो गई है और इसका विरोध भी नहीं हो रहा ..Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-63136596705582387442013-03-11T15:37:22.239+05:302013-03-11T15:37:22.239+05:30sahamat hu aapki baat se aur is post se bhi.striyo...sahamat hu aapki baat se aur is post se bhi.striyon ko kisi visheshdhikar ki jarurat nahi hai bas samaan adhikar de diye jae.devi banakar ya paav ki jooti samajhkar dono hi stithi me kaam nahi chalega.behtar hai samanta ka vyavhaar ho.Kanupriya Gupta Mujawdiyanoreply@blogger.com