tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post2264304542454513583..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: बाचा : द राइजिंग विलेजलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-65406588064912752412021-02-01T19:42:35.145+05:302021-02-01T19:42:35.145+05:30बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आपने🌻बहुत ही बढ़िया जानकारी दी आपने🌻शिवम कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/04835045259840214933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-30612183622114318632021-02-01T13:14:24.286+05:302021-02-01T13:14:24.286+05:30बाचा की कहानी साधारण कहानी नहीं है। यह पिछड़े गाँव ...बाचा की कहानी साधारण कहानी नहीं है। यह पिछड़े गाँव से आदर्श गाँव तक सीमित रह जाने की कहानी भी नहीं है। ‘बाचा’ की यात्रा अभी रुकी नहीं है। आधुनिक और परंपरागत विज्ञान के छोटे उपायों को अपनाकर बाचा ने सफलता की जो नींव रखी हैं, वह उसे और मजबूत करने के लिए प्रयत्नशील है। यह अन्य गाँव को भी राह दिखा रहा है। निसंदेह यह छोटा गाँव आज सबके बीच न केवल चर्चा का बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है। कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com