tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post8441077256246854957..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: कुंआरा करवाचौथलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-12164979602867703202012-11-13T04:39:43.822+05:302012-11-13T04:39:43.822+05:30अदा जी कहानी की सराहना करने के लिए शुक्रिया। वैसे ...अदा जी कहानी की सराहना करने के लिए शुक्रिया। वैसे उन शब्दों के उपयोग में मैं भी हिचक रहा था क्योंकि वह मेरी शैली नहीं है। लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-92100445957325375582012-11-13T02:24:48.538+05:302012-11-13T02:24:48.538+05:30बेशक़ कुछ शब्दों पर पाठकों को आपत्ति हो रही है, ले...बेशक़ कुछ शब्दों पर पाठकों को आपत्ति हो रही है, लेकिन कहानी के परिवेश, पात्र और काल के हिसाब से मुझे उतनी दिक्कत नहीं हुई। <br /><br />युग कोई भी हो प्रेमी, प्रेम में बहुत कुछ करने की हिम्मत करते ही आये हैं। <br /><br />कथावस्तु, आज की युवा पीढ़ी की मनोदशा, किस तरह, संस्कार, परम्पराओं, और अपनी निजता के बीच भ्रांतमति हो झूलती है, ये दर्शाने में सक्षम रही।<br />आपका धन्यवाद <br />स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-61879230339331115102012-11-04T22:06:23.335+05:302012-11-04T22:06:23.335+05:30दीदी, इस टिप्पणी के लिए धन्यवाद, ध्यान रखूँगा की श...दीदी, इस टिप्पणी के लिए धन्यवाद, ध्यान रखूँगा की शालीन शब्दों का ही उपयोग करूँ... चूंकि कहानी ग्वालियर और उस पर भी भटके हुए युवाओं की थी तो कुछेक शब्द ऐसे आ गये हालाँकि सावधानी बरतने की कोशिश थी लेकिन फिर भी दुर्घटना घट ही गयी... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-63662685921565847672012-11-04T10:04:08.511+05:302012-11-04T10:04:08.511+05:30भाई लोकेन्द्र , आपकी यह पोस्ट मुझे अपेक्षाकृत हल्क...भाई लोकेन्द्र , आपकी यह पोस्ट मुझे अपेक्षाकृत हल्की लगी जबकि आप एक विचारशील पत्रकार व लेखक हैं । मैं हमेशा आपके आलेखों की प्रशंसक रही हूँ । अभिव्यक्ति को प्रभावशाली बनाने के लिये बिल्कुल जरूरी नही कि हल्के व अशोभनीय शब्दों का प्रयोग किया जाए । गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-80715953289775645182012-11-03T09:52:36.557+05:302012-11-03T09:52:36.557+05:30क्या लोकेन्द्र जी कैसी बात करते है आप,,,,, पहले से...क्या लोकेन्द्र जी कैसी बात करते है आप,,,,, पहले से खुद को परिस्थितियों के अनुरूप ढालकर रख लेने में बुराई क्या है ? :) :) पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-79601444871806056392012-11-03T03:22:46.341+05:302012-11-03T03:22:46.341+05:30देखा देखि में.... :) देखा देखि में.... :) लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-65014091307656634952012-11-03T03:21:55.362+05:302012-11-03T03:21:55.362+05:30अनुचित शब्द तो नहीं हैं... हाँ कुछ शब्द शालीन नहीं...अनुचित शब्द तो नहीं हैं... हाँ कुछ शब्द शालीन नहीं है ऐसा कहा जा सकता है.... <br />आपकी राय का स्वागत है.लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-6745918769434988292012-11-03T03:20:25.037+05:302012-11-03T03:20:25.037+05:30धन्यवाद दोस्त...धन्यवाद दोस्त...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-6742318737188056092012-11-03T03:19:40.599+05:302012-11-03T03:19:40.599+05:30आदरणीय मयंक जी बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मयंक जी बहुत बहुत धन्यवाद लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-55116856654475148582012-11-03T03:18:32.947+05:302012-11-03T03:18:32.947+05:30कुअंर जी, बहुत छाना ये तो चौकर रह गया है... वैसे म...कुअंर जी, बहुत छाना ये तो चौकर रह गया है... वैसे मेरी भी कोशिश यही रहती है की विशेष शब्दों का उपयोग कम ही हो.... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-8643269200991255622012-11-02T22:25:22.241+05:302012-11-02T22:25:22.241+05:30मेरा अपना विचार यह है कि लड़कियाँ(अधिकतर) स्मार्ट...मेरा अपना विचार यह है कि लड़कियाँ(अधिकतर) स्मार्ट होती हैं, शातिर नहीं। देखादेखी और नादानी में ऐसे कदम जरूर उठ जाते हैं जिनके परिणाम सबके लिये दुखद होते हैं।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-49666342712010110772012-11-02T18:48:57.445+05:302012-11-02T18:48:57.445+05:30सार्वजनिक मंच में अनुचित शब्दों से बचना चाहिए,,बेह...सार्वजनिक मंच में अनुचित शब्दों से बचना चाहिए,,बेहतरीन प्रभावी प्रस्तुति,,,<br /><br />RECENT POST <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/11/blog-post.html#links" rel="nofollow">: समय की पुकार है,</a> धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-75518858870699266142012-11-02T17:21:43.144+05:302012-11-02T17:21:43.144+05:30bAHUT SHANDAAR SIR ME ISE FACEBOOK PAR SHARE KAR R...bAHUT SHANDAAR SIR ME ISE FACEBOOK PAR SHARE KAR RAHA HU newshttps://www.blogger.com/profile/12848948056008077821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-26105808136093631072012-11-02T16:17:26.871+05:302012-11-02T16:17:26.871+05:30एकदम सटीक चोट... पर कुछ शब्दों पर आपत्ति मन-मस्तिष...एकदम सटीक चोट... पर कुछ शब्दों पर आपत्ति मन-मस्तिष्क में उछल-कूद कर रही है.....<br />कम से कम ऐसे सार्वजानिक मंच पर इनके प्रयोग से बचना चाहिए!वैसे भी ये पोस्ट इन "विशेष शब्दों" के बिना भी बेहतरीन और प्रभावशाली अभिव्यक्ति है!<br /><br />कुँवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-48425013718119276052012-11-02T15:39:24.315+05:302012-11-02T15:39:24.315+05:30anshumala जी कमोबेश यही सच है...
सच ये भी है कि क...anshumala जी कमोबेश यही सच है... <br />सच ये भी है कि कथित प्रेम या लड़कियों को लेकर जो सोच सत्यवीर की है वैसे सोच अब लड़कियों में भी देखि जा रही है... शायद इसलिए ही वे बेवकूफ बनती दिखती हैं... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-38031932951512221552012-11-02T15:35:05.157+05:302012-11-02T15:35:05.157+05:30प्यार को मजाक बनाने की तरफ ले जाया जा रहा है... वै...प्यार को मजाक बनाने की तरफ ले जाया जा रहा है... वैसे प्यार लगभग 'मजा' तो बन ही गया है.. 'क' जुड़ना शेष रह गया है लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-84162393044356422352012-11-02T15:32:24.760+05:302012-11-02T15:32:24.760+05:30यही तो बड़ी दिक्कत है... यही तो बड़ी दिक्कत है... लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-60625969543807248882012-11-02T15:05:36.543+05:302012-11-02T15:05:36.543+05:30यदि ये कहानी है तो काफी कुछ असली है एक बड़ा युवाओ क...यदि ये कहानी है तो काफी कुछ असली है एक बड़ा युवाओ का वर्ग है जो प्यार को टाइम पास समझता है और बेफकुफ़ लड़कियों की एक फौज है जो इसे सच मान कर सब समर्पण करने को तैयार है । सच है ये सब किन्तु किसी प्यार करने वाली लड़की ( मालूम है की बेफकुफी कर रही है ) के लिए ये सारे शब्द गाली के रूप में कहे जा रहे है उसे पढ़ कर अच्छा नहीं लग रहा है तनिक गुस्सा सा आ रहा है । कहानी है तो गुस्सा आ रहा है कोई सामने ये करता तो उसका क्या हाल कर देती :) । anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-7386855289200487682012-11-02T12:17:40.105+05:302012-11-02T12:17:40.105+05:30कच्ची उम्र का प्यार और ना समझी ...किस और ले जाएगी ...कच्ची उम्र का प्यार और ना समझी ...किस और ले जाएगी ..आपकी ये कहानी पढ़ के समझ आता है ..जिक्स परिणाम है उसका रखा गया ये करवाचौथ का व्रत Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-61186367146500460172012-11-02T09:26:33.404+05:302012-11-02T09:26:33.404+05:30 सटीक लिखा है ! बिना महत्त्व को समझे , लोग शौकिया ... सटीक लिखा है ! बिना महत्त्व को समझे , लोग शौकिया भी रह लेते हैं व्रत।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com