tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post3759269636055569619..comments2024-03-20T07:50:00.652+05:30Comments on अपना पंचू: भाजपा के लिए ठीक नहीं आपसी मतभेदलोकेन्द्र सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8722673451057387706.post-42529248696471629342015-11-15T23:21:10.266+05:302015-11-15T23:21:10.266+05:30बड़-बड़ बतिया के झाड़ लगवलीं
कूड़ा-कबाड़ भइले घर ना ब...बड़-बड़ बतिया के झाड़ लगवलीं <br />कूड़ा-कबाड़ भइले घर ना बुहरलीं <br />तोर बुहरी मं लागल अगिनिया हो, धुआँ होइबे करी ॥ <br /><br />पनिया के जइसन पइसा बहवलीं <br />पटना सहरिया के मन नाहिं बुझलीं <br />गुंडवन के बंटलन टिकिटिया हो, हार होइबे करी ॥ <br /><br />गुन नाहीं देखलीं भोटवा गिरवलीं<br />गाई के दुधवा संपवा के पिलवलीं <br />फेर चोरवा के दिहलन चबिया हो, लूट होइबे करी ॥ <br /><br />अनुभव के पिटरिया के घर से भगवलीं <br />होतय बिहनिया माई-बाबू भी गइलीं <br />बबुनी के भइल उमिरिया हो, गजब होइबे करी ।<br /><br />देहिंया मं नदिया अगिनिया लगवली<br />घूमि-घूमि घर-घर के दियरा बुतवली <br />गाँव हो गइल हमरओ सहरिया हो, पांक होइबे करी ।<br />बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.com