शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2016

नवाज शरीफ, कितने शरीफ?

 पाकिस्तान  के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बार फिर अपनी 'शराफत' दिखा दी। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर में आतंकी शिविरों पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक से 'खिसयानी बिल्ली' बने नवाज शरीफ ने अपने मुल्क को सफाई देने के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाया था। बुधवार को पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते वक्त उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान और वहाँ की सरकार की बुनियाद झूठ एवं भारत विरोध पर टिकी है। देश-दुनिया के सामने अपनी 'कॉलर' बचाने के लिए नवाज शरीफ ने एक के बाद एक झूठ संसद में बोले। हालांकि, नवाज के झूठ उनके चेहरे को छिपा कम रहे थे, बल्कि उजागर अधिक कर रहे थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शायद समझ नहीं पा रहे हैं कि भारत ने उनके मुखौटे में इतने छेद कर दिए हैं कि अब वह अपना खूनी और कायर चेहरा उसके पीछे छिपा नहीं सकता। नवाज यदि गौर से अपने ही मुल्क में देखें तो पाएंगे कि दुनिया को भ्रम में रखना तो बहुत दूर की बाद है, अब वह अपने ही देश की आवाम को बहला नहीं सकते। नवाज शरीफ के झूठ की पोल खोलने के लिए पाकिस्तान की संसद से लेकर सड़क तक आवाजें बुलंद हो रही हैं।
          यदि हम संसद में नवाज शरीफ के झूठ सुनें-पढ़ें, तब आश्चर्य होगा कि आखिर वह दुनिया को मूर्ख क्यों समझते हैं? शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने दहशतगर्दी के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। अब पाकिस्तान के संबंध में इससे बड़ा झूठ क्या हो सकता है? जिस देश का प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय मंच और अपनी ही संसद से आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदी के कमांडर बुरहान वानी को अपना हीरो बताए, क्या वह देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा होगा? आतंक के खिलाफ यह कैसा युद्ध है कि पाकिस्तान की धरती पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित हाफिज सईद न केवल खुलेआम घूमता है, बल्कि भारत के खिलाफ जहरीली तकरीर करता है। क्या पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पुलिस और सेना को सड़कों पर रैलियाँ और तकरीरें करता आतंकवादी दिखाई नहीं देता है? आतंकी सैयद सलाउद्दीन, मसूद अजहर और दाउद इब्राहिम को पनाह देना, क्या आतंकवाद से युद्ध है? 
           उड़ी हमले के संबंध में भी नवाज शरीफ झूठ बोल गए। उन्होंने कहा है कि भारत ने बिना जाँच-पड़ताल किए उड़ी हमले के लिए पाकिस्तान पर आरोप लगा दिए। मियाँ नवाज ने शायद अब तक भारत की ओर से सौंपे गए सबूत नहीं देखे हैं। उड़ी हमले में मारे गए चारों आतंकियों के सामान से इस बात की पुष्टि होती है कि वह पाकिस्तान से आए थे। यह भी साबित हो चुका है कि पाकिस्तान की धरती पर फल-फूल रहे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने उड़ी हमला कराया था। चूँकि पाकिस्तान का चरित्र ही ऐसा है कि वह कभी अपना अपराध स्वीकार करने का साहस नहीं दिखा पाता। जब नीयत में खोट हो और आतंकी संगठनों से मिलीभगत हो, तब कैसे कहा जाए कि हाँ, भारत में हुए आतंकी हमले में शामिल लोग पाकिस्तान के थे। सर्जिकल स्ट्राइक पर भी नवाज झूठ बोल गए कि भारत की तरफ से एलओसी पार करके कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की गई है। यह समझ आता है कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री यह कैसे स्वीकार कर सकता है कि भारत की सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी शिविरों को नष्ट किया है। हालाँकि, नवाज शरीफ प्रारंभ में इस हमले की निंदा कर चुके हैं। लेकिन, जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि यदि यह मान लिया गया कि भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की है, तब देश और दुनिया में मुँह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। घर में कट्टरपंथी धड़े खाल खींचेंगे। दुनिया में यह झूठ नहीं बोल पाएंगे कि पाकिस्तान आतंकवादियों को नहीं पाल रहा है। 
          नवाज शरीफ भले ही सच पर पर्दा डालने की कोशिश करें, लेकिन सच को छिपाना इतना आसान नहीं है। पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर में स्थानीय जनता आतंकियों और सरकार के खिलाफ खुलकर सड़क पर उतर आई है। पीओके की जनता माँग कर रही है कि वहाँ चल रहे आतंकी शिविरों को पाकिस्तान सरकार नष्ट करे, अन्यथा जनता स्वयं यह काम कर देगी। पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर की जनता का यह प्रदर्शन इस बात का सबूत है कि वहाँ पाकिस्तान सरकार और सेना के संरक्षण में आतंकी शिविर चल रहे हैं। दुनिया में पाकिस्तान अपनी हरकतों और भारत की मजबूत कूटनीति के कारण अलग-थलग पड़ता जा रहा है। लेकिन, नवाज शरीफ हैं कि मानते नहीं। उन्होंने संसद में कहा कि कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिल रहा है। जबकि हकीकत यह है कि अब तो संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर का मामला उठाने से छिड़क दिया है। सार्क देशों ने पाकिस्तान का बहिष्कार करके संदेश दे दिया है कि उसके साथ कोई नहीं है। 
          बहरहाल, पाकिस्तानी की संसद में नवाज शरीफ के भाषण से यह स्पष्ट हो गया है कि वहाँ की सरकार, सेना और मुल्क का वजूद भारत विरोध की बुनियाद पर टिका है। इसलिए वह भारत का अच्छा दोस्त साबित होगा, इसकी संभावना अत्यंत क्षीण हैं। भारत को पाकिस्तान जैसे धूर्त और कपटी पड़ोसी देश से सदैव सावधान ही रहना चाहिए। वह सदैव भारत को चोट पहुँचाने का प्रयास करेगा, भला एक आतंकी देश से और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है?

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